Kya Hai Talaq Yog: कई बार लोगों की कुंडली में ऐसे योग बनते हैं जिसके कारण शादी के बाद तलाक होना तय होता है। आइये जानते हैं किन ग्रहों के कारण बनता है तलाक योग...
Kya Hai Talaq Yog: किसी विवाह का टूटना दंपती के लिए ही नहीं, दो परिवारों के लिए भी पीड़ादायी होता है। लेकिन इसके पीछे कौन से ग्रह जिम्मेदार होते हैं और कुंडली के कौन से दोष तलाक योग बनाते हैं, यहां जान सकते हैं। साथ ही इस ग्रह दोष के दुष्प्रभाव रोकने के लिए क्या करना चाहिए..
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपके वैवाहिक जीवन में उछल-पुथल मची है तो समझ जाना चाहिए कि कुंडली में प्रेम कारक और वैवाहिक जीवन को सुखमय बनाने वाले ग्रह की दशा बिगड़ रही है। इसकी अनदेखी के परिणाम खतरनाक हो सकते हैं और विवाह टूटने की नौबत हो सकती है। ऐसे में ज्योतिषियों की सलाह आपके वैवाहिक जीवन को बचा सकती है।
1.ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी कुंडली में लग्नेश, सप्तमेश और चंद्रमा विपरीत स्थिति में हो तो कुंडली में तलाक योग बनता है, जिससे दंपती के विवाह विच्छेद की स्थिति बनती है।
2. ज्योतिषियों के अनुसार सप्तम भाव का स्वामी छठे भाव या बारहवें भाव में विराजमान है तो पति-पत्नी के बीच में अलग होने की स्थिति बनती है यानी तलाक होता है।
3. इसके अलावा सूर्य, राहु और शनि सातवें भाव में हो और इन पर शुक्र का प्रभाव पड़ रहा हो या शुक्र की दृष्टि बारहवें भाव पर पड़ रही हो तो भी तलाक योग बनता है।
4. इसके अलावा सप्तमेश और बारहवें भाव का स्वामी आपस में राशि संबंध बनाते हैं तो कुंडली में तलाक योग का निर्माण होता है।
5. चतुर्थ भाव के स्वामी या सप्तम भाव के स्वामी का छठे, आठवें और बारहवें भाव में विराजमान होने पर भी तलाक योग बनता है।
6. इसके अतिरिक्त चतुर्थ भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि पड़ना या पाप ग्रह का विराजमान होना भी वैवाहिक जीवन का अंत करने वाला तलाक योग बनाता है।
7. जातक के जन्म कुंडली में शुक्र के साथ छठे, आठवें और बारहवें स्थान में पाप ग्रह विराजमान है तो यह योग संबंध को तोड़ने का काम करता है।
8. इसके इतर सप्तमेश, लग्नेश व अष्टमेश बारहवें घर में विराजमान हैं तो भी तलाक की स्थिति बनती है।
9. यदि कुंडली में प्रेम के कारक ग्रह शुक्र नीच राशि का या वक्र राशि का होकर छठे, आठवें और बारहवें घर में स्थित है तो यह अलगाव का योग बनाता है।