Viral Fever Symptoms: बालोद मौसम बदलते ही वायरल फीवर ने अपना स्वरूप बदल लिया है। शहर के कई इलाकों में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
Viral Fever Symptoms: छत्तीसगढ़ के बालोद मौसम बदलते ही वायरल फीवर ने अपना स्वरूप बदल लिया है। शहर के कई इलाकों में मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले वायरल में सिर्फ बुखार और कमजोरी के लक्षण सामने आते थे। अब उल्टी दस्त, तेज सिरदर्द और प्लेटलेट्स कम होने जैसी गंभीर समस्याएं देखी जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि यह लक्षण मलेरिया, डेंगू या टायफाइड जैसी बीमारियों से मिलते जुलते हैं। इसलिए मरीजों को लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। इसमें हर उम्र के साथ बच्चों पर यह तेजी से अटैक कर रहा है, जिसमें सात से आठ दिन में बच्चे ठीक हो रहे हैं।
किसी को लगातार बुखार, उल्टी दस्त शरीर में दर्द और कमजोरी महसूस हो रही है तो तुरंत जांच कराना चाहिए। घर में ही इलाज करने के बजाय डॉक्टर से परामर्श लें। पर्याप्त मात्रा में पानी व तरल पदार्थ लेते रहें। बच्चों को स्कूल और भीड़ वाले स्थानों पर न भेजें। वहीं बाहर का खाना बिल्कुल बंद कर घर का ताजा खाना खिलाओ।
पीड़ित बच्चों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला अस्पताल प्रबंधन ने जच्चा-बच्चा केंद्र में बच्चों के इलाज के लिए अलग से वार्ड बनाया है। शिशु रोग विशेषज्ञ की निगरानी में इलाज चल रहा है। हालाकि कई बच्चे स्वस्थ होकर चले गए है, लेकिन लगातार मरीज आ रहे है।
सिविल सर्जन एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके श्रीमाली ने बता कि वायरल में कुछ बच्चों की प्लेटलेट कम हो रहा है। लक्षण दिखने पर मलेरिया, रक्त की जांच कराना चाहिए। बच्चों में पैरों में दर्द की समस्या बढ़ी है। बच्चों को घर पर ही आराम कराएं। वहीं दूध, पानी और ओआरएस का घोल आदि देते रहे। डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। ऐसे मरीज इन दिनों भर्ती हो रहे हैं।
वायरल फीवर लगातार बढ़ रहा है। बच्चों को उल्टी-दस्त के साथ खांसी और बुखार परेशान कर रहा है। कुछ बच्चों को तीन चार दिन बाद यह रिपीट हो रहा है, जिससे दवाओं को कोर्स फिर से शुरू करना पड़ रहा है। यहां पर 15 साल तक के काफी बच्चे बीमार है। जिला अस्पताल के मुताबिक मौसम का असर सभी वर्गों पर जरूर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा असर 6 माह से 15 साल के बच्चों पर ज्यादा है।
जिला अस्पताल के पूरे वार्ड वायरल फीवर के मरीजों से फुल हो गया है। जिला अस्पताल में ओपीडी मरीजों की संया लगभग 350 हो गई है। सबसे ज्यादा मरीज सर्दी खांसी, बुखार के हैं। ओपीडी में रोज 40 से 50 छोटे बच्चे आ रहे हैं। जिला अस्पताल में लगभग छोटे बच्चे, सर्दी, खांसी व बुखार के भर्ती है। शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि इस मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार है तो उसे सामान्य न समझें बल्कि जांच जरूर करवा लें। बच्चे सहित सभी वर्ग के लोग गरम पानी अनिवार्य रूप से पिएं।