Corruption road: पीएम जनमन योजना से पहाड़ी कोरवा अंचल में भ्रष्टाचार का डामर बिखरा, कलेक्टर ने सडक़ के संबंध में जानकारी लेने की कही बात
कुसमी. प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (प्रधानमंत्री जन-मन योजना) के तहत आदिवासी अंचलों को मुख्यधारा से जोडऩे के सरकारी दावे कुसमी क्षेत्र में झाड़ू की एक मार में उड़ (Corruption road) गए। पहाड़ी कोरवा जनजाति बाहुल्य धनेशपुर क्षेत्र के ग्राम छुरा कोना तक बन रही करोड़ों की डामर सडक़ कागजों में मजबूत और जमीन पर खोखली साबित हो रही है। कुसमी ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत धनेशपुर से आश्रित ग्राम छुराकोना तक बनाई जा रही करीब 3 किलोमीटर डामर सडक़ की लागत 1 करोड़ 91 लाख 25 हजार रुपए है। यह सडक़ बनने के बाद झाड़ू लगाने से उखड़ गई। इस मामले में सब-इंजीनियर का कहना है कि ठेकेदार अच्छी सडक़ बनवा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों द्वारा सामने लाए गए वीडियो फुटेज ने निर्माण एजेंसी और विभागीय निगरानी व्यवस्था की पोल खोल दी है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि नवनिर्मित सडक़ पर झाड़ू लगाने से ही डामर और गिट्टी उखडक़र ढेर में जमा हो रही है। सवाल यह है कि जो सडक़ झाड़ू नहीं (Corruption road) झेल पा रही, वह बरसात और भारी वाहनों का बोझ कैसे सहेगी।
ग्रामीणों का आरोप है कि सडक़ निर्माण में मानक के विपरीत घटिया बालू और 60 एमएम गिट्टी का इस्तेमाल कर किनारों पर तटबंध तैयार किया जा रहा है। पहाड़ी और ढलान वाला क्षेत्र होने के कारण यह लापरवाही (Corruption road) पहली बारिश में पूरी सडक़ को तबाह कर सकती है।
यह वही सडक़ है, जिसे पहाड़ी कोरवा समुदाय के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा और आपात सेवाओं की जीवनरेखा बनना था। लेकिन भ्रष्टाचार ने इसे शुरू होने से पहले ही दम तोडऩे पर मजबूर कर दिया।
निर्माण कार्य कर रही एजेंसी मैसर्स एलसी कटरे मिशन रोड राताखार जिला कोरबा से जब इस संबंध में पक्ष जानने की कोशिश की गई, तो फोन तक उठाना मुनासिब (Corruption road) नहीं समझा गया। इससे यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर किसके संरक्षण में यह खेल चल रहा है।
इस मामले (Corruption road) में कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने कहा कि मुझे सडक़ की जानकारी दे दीजिए, मैं इसे दिखवा लेता हूं। इधर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी है कि यदि सडक़ निर्माण की स्वतंत्र तकनीकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। ग्रामीणों का साफ कहना है कि आदिवासी विकास के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस मामले में उप अभियंता प्रधानमंत्री जन मन योजना रामकुमार तिर्की ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा ठेकेदार काम ठीक कर रहा है। ग्रेडर मशीन चलने से सडक़ ऊबड़-खाबड़ (Corruption road) हुई होगी। हालांकि ग्रामीण इस बयान को सच पर पर्दा डालने की कोशिश मान रहे हैं। उनका कहना है कि अगर निर्माण सही होता तो सडक़ की परत झाड़ू लगते ही उखडऩे नहीं लगती।