Fake mark sheet: फर्जी मार्कशीट से आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर फर्जी चयन का मामला, चारों सहायिकाओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल
शंकरगढ़. शंकरगढ़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में सहायिका के पदों पर हुई फर्जी नियुक्ति के मामले को लेकर पुलिस-प्रशासन एक्शन में है। ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है। पहले फर्जी नियुक्ति (Fake mark sheet) पाने वाली 4 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया। अब शंकरगढ़ बीएमओ कार्यालय में पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर, फर्जी मार्कशीट जारी करने वाले स्कूल संचालक पिता-पुत्र व फर्जी ढंग से नौकरी हासिल करने वाली महिला के पति की भी गिरफ्तारी हुई है। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि चयनकर्ताओं ने आखिर फर्जी मार्कशीट की जांच किए बिना कैसे चयन सूची जारी कर दी।
बलरामपुर-रामानुजगंज कलेक्टर राजेंद्र कटारा को की गई एक शिकायत के बाद हुई जांच में शंकरगढ़ ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों में फर्जी मार्कशीट (Fake mark sheet) के जरिए सहायिका के पद पर नियुक्ति होने का मामला उजागर हुआ था।
इसके बाद शंकरगढ़ थाने में धारा 318(2), 318(4), 336(3), 338, 340(2) व 61(2) के तहत अपराध दर्ज कर फर्जीवाड़ा के जरिए नियुक्ति पाने वालीं अरमाना पति शमसेर आलम निवासी ग्राम जारगीम, रिजवाना पति अमरूद्दीन ग्राम महुआडीह, प्रियंका यादव पति आशीष यादव निवासी ग्राम कोठली व सुशीला सिंह पति उमाशंकर ग्राम बेलकोना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
अब इसी मामले (Fake mark sheet) में जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने 4 अन्य आरोपी शमसुद्दीन अंसारी, आबिद अंसारी, शिवनारायण रवि व उमाशंकर पैकरा को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में शमसुद्दीन अंसारी अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर व कुसमी का संचालक है। वहीं उसका पुत्र आबिद अंसारी अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर का प्रिंसिपल है।
आंगनबाड़ी सहायिका के पद पर नियुक्त 4 आरोपी महिला में से 3 को अजीजी पब्लिक स्कूल भगवतपुर व एक को कुसमी स्थित विद्यालय से फर्जी अंक सूची (Fake mark sheet) मिला था। आरोपी शिवनारायण रवि बीएमओ कार्यालय शंकरगढ़ में कंप्यूटर ऑपरेटर है।
वहीं उमाशंकर आरोपी सुशीला सिंह का पति है। इन दोनों की भी भूमिका फर्जी अंकसूची तैयार करने में पाई गई है। फर्जी अंकसूची तैयार कर आंगनबाड़ी सहायिका पद पर नियुक्ति मामले में एक बड़ा गिरोह कार्य कर रहा था।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका चयन समिति में महिला बाल विकास अधिकारी के अलावा जनपद सीईओ, बीईओ, बीएमओ शामिल रहते हैं। इनकी जवाबदारी है कि नियुक्ति प्रक्रिया में इस्तेमाल दस्तावेज (Fake mark sheet) का वे सत्यापन करें। लेकिन समिति बड़ी चूक क्यों कर गई, यह बड़ा सवाल है। नियुक्ति को लेकर भारी लेनदेन की बात भी गड़बड़ी सामने आने के बाद चर्चा में है।