बांसवाड़ा

राजस्थान में परंपराओं पर भारी सोने-चांदी के भाव, अब हल्के आभूषणों की ओर बढ़ रहा महिलाओं का झुकाव

Gold and Silver Rate : राजस्थान में सोने-चांदी के भाव महंगे हो रहे हैं। सोना खरीदना अब आदमी के लिए दूर की कौड़ी है। सोने-चांदी के बढ़ते दामों ने लोगों की जेब के साथ-साथ परंपराओं पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। इससे मायूस महिलाओं का झुकाव अब हल्के आभूषणों की ओर बढ़ रहा है।

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ग्राफिक्स फोटो फाइल

Gold and Silver Rate : सोने-चांदी के बढ़ते दामों ने लोगों की जेब के साथ-साथ परंपराओं पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। त्योहारों और विवाह जैसे अवसर पर गहनों की मांग हमेशा रहती है, लेकिन अब उनका वजन और डिजाइन बदलने लगे हैं। पिछले पांच माह में सोना करीब 20 हजार रुपए प्रति दस ग्राम उछल चुका है। यही वजह है कि महिलाओं का झुकाव अब भारी-भरकम गहनों की बजाय हल्के और फैंसी आभूषणों की ओर है। चांदी के गहनों पर सोने की पॉलिश करवा कर परंपरा निभाने की कोशिश दिखाई दे रही है।

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आभूषणों का घटता वजन

आदिवासी अंचल में पुरुषों का पारंपरिक 'नारमुखी कड़ा' 300 ग्राम से घटकर 100 ग्राम का रह गया है। कमरबंध 'कंधौरा' एक किलो से घटकर औसतन 252 ग्राम का रहा गया है। बच्चों की चूड़ियां अब 20-30 ग्राम तक सिमट चुकी है। वहीं 'रोज गोल्ड' की चूड़ियां फैशन में हैं। जिनमें 40-50 ग्राम की चांदी पर सोने की परत चढ़ाई जाती है। जहां पहले जहां 200 ग्राम का मंगलसूत्र आम था। अब वह औसतन 50 ग्राम तक यह गया है। महंगाई ने गहनों को केवल जेब पर ही नहीं, बल्कि दिल पर भी भारी बना दिया है। वहीं रोज गोल्ड की सोने के भाव पिछले 5 माह में (कीमत रुपए में) मई 93,450 जून 97,650 जुलाई 99,800 अगस्त 1,02,500 सितंबर 1,13,300 चूड़ियां फैशन में है, जिनमें 40-50 ग्राम की चांदों पर सोने की परत चढ़ाई जाती है।

पश्चिमी राजस्थान में सोने की परंपरा

मारवाड़ क्षेत्र में विश्नोई समाज की महिलाएं स्वर्ण आभूषणों से लदकद नजर आती रही है। एम्स जोधपुर की कर्मचारी किरण विश्नोई ने बताया कि 40 से 50 तोला तक सोना पहनना परंपरा का हिस्सा रहा है। अब यह आसान नहीं रहा। वहीं युवतियां भारी गहनों की बजाय हल्के और डिजाइनर आभूषणों को पसंद कर रही हैं। एडवोकेट दीनदयाल बाबल का कहना है कि सामान्य परिवार भी शादी-ब्याह में 25 से 30 तोला सोना खरीदना जरूरी समझाता है, इसलिए दाम बढ़ने के बावजूद खरीदारी जारी है।

दक्षिण राजस्थान में चांदी की परंपराएं धुंधली…

वहीं बांसवाड़ा-डूंगरपुर अंचल में चांदी की परंपरा महंगाई की भेंट चढ़ रही है। पिछले दिनों चांदी के भाव 1,27,000 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए। कभी एक किलो की पायल आम थी, लेकिन अब लोग 100-200 ग्राम तक सीमित हो रहे हैं। बांसवाड़ा की बुजुर्ग मानकी बाई याद करती हैं कि उनकी शादी में पिता ने डेढ़ किलो की पायल दी थी।

सोने के भाव पिछले 5 माह में (कीमत रुपए में)

मई 93,450
जून 97,650
जुलाई 99,880
अगस्त 1,02,500
सितम्बर 1,13,300।

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Updated on:
16 Sept 2025 10:42 am
Published on:
16 Sept 2025 10:41 am
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