बांसवाड़ा

राजस्थान के इस शहर में निकली अनोखी वैकेंसी, जानकर चौंक जाएंगे

Rajasthan : राजस्थान के इस शहर में अनोखी वैकेंसी निकली है। जिसमें वेतन के साथ प्रसादी भी मिलेगी। यह वैकेंसी रामचरित मानस मंडल की ओर से निकली गई है।

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फोटो - AI

Rajasthan : अब तक आपने सरकारी, प्राइवेट या कॉन्ट्रैक्ट की नौकरियां तो देखी होंगी, लेकिन क्या कभी सुना है ‘राम नाम की नौकरी’ के बारे में। जीहां, बांसवाड़ा में ऐसी अनोखी वैकेंसी निकली है, जिसमें वेतन के साथ प्रसादी भी मिलेगी। यह वैकेंसी रामचरित मानस मंडल की ओर से जारी अखंड रामायण पाठ को अनवरत जारी रखने के लिए निकाली है।

मानस मंडल के संयोजक अमृतलाल पंचाल ने बताया कि ब्रह्मलीन विश्वभरदास फलहारी महाराज की प्रेरणा से 16 मार्च 2010 से व्यासपीठ से संगीतमय अखंड श्रीरामचरित मानस पाठ (रामायण) किया जा रहा है। पाठ को यथावत आगामी समय के लिए जारी रखने सात रामायण पाठकों को प्रतिमाह 3600 रुपए वेतन में दिन में चार घंटे, रात्रि में 9 से 12 बजे (3 घंटे), 12 से 2.30 बजे, एवं 2.30 से 5 बजे (ढाई घंटे) के लिए नियुक्ति होगी।

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पंचाल ने बताया कि इसके लिए योग्यता है, हिदीं भाषा ज्ञानी, श्रीरामचरित मानस ग्रंथ का पठन जानने वाला, सनातन धर्मपालक, जातीय बंधन रहित व व्यसन से दूर रहने वाला हो। पाठी को दोपहर का भोजन अन्नक्षेत्र में निशुल्क मिलेगा।

अब तक 5705 पाठ

मानस भवन के वर्तमान में प्रभारी देवपाल मिश्रा जो 24 घंटे वहीं रहते हैं। उनकी निगरानी में रामायण पाठ 5705वां पाठ चल रहा हैं। रामायण पाठ प्रतिदिन प्रात: 8 बजे आरती के पश्चात प्रारंभ होता हैं तथा पूर्णाहुति दूसरे दिन प्रात: 8 बजे होती है। मध्याह्न 12 बजे श्रीराम जन्म एवं रात्रि 12 बजे सुंदरकांड पाठ होता है। वर्तमान में मानदेय से 6 रामायण पाठी पाठ कर रहे हैं। इसके अलावा भी रुद्री पाठ, श्रीराम नाम लेखन आदि भी किया जाता है। ‘राम नाम बैंक’ में 96 करोड़ हस्तलिखित रामनाम संग्रहित हैं।

अब तक 5425 आजीवन सदस्य

मंडल अध्यक्ष महेश पंचाल ने बताया कि रामचरित मानस मंडल की स्थापना 26 मार्च, 1989 में हुई थी। 1100 रुपए की राशि से आजीवन आजीवन सदस्य बना जा सकता है। अब तक 5425 आजीवन सदस्य हैं। सदस्यता राशि बैंक डिपॉजिट कर उसके ब्याज से मानस भवन में चल रहे प्रकल्पों का संचालन होता हैं। सदस्य की मृत्यु के बाद भी उसकी सदस्यता राशि के ब्याज से धार्मिक आयोजन चलते रहते हैं। बहुत से भक्त परिवार में महिला के गर्भधारण के साथ ही उस गर्भस्थ शिशु को भी आजीवन सदस्य बनाते हैं। यह जन्म से पहले एवं मृत्यु के बाद का एक पुण्यार्जन बैंक है।

मंडल की ओर से एक बार 7 लाख, चार बार 5 लाख, दो बार 11 लाख हनुमान चालीसा पाठ जैसे बड़े आयोजन भी हुए हैं। इसके अलावा रामायण पाठ, तुलसी विवाह जैसे आयोजन भी होते हैं।

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Published on:
08 Nov 2025 01:43 pm
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