Rajasthan Tribal Youth Become Precedent : राजस्थान में एक युवक ने टीचर की नौकरी को छोड़कर बेकार पड़ी जमीन पर खेती शुरू कर दी। पॉलीहाउस से कचरुलाल पटेल अब साल में लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं। यह जनजाति युवा नई पीढ़ी के लिए मिसाल बन गया है।
Rajasthan Tribal Youth Precedent : बांसवाड़ा जिले के बाड़वी गांव का जनजाति युवा नई पीढ़ी के लिए मिसाल बनकर सामने आया है। महज 30 वर्ष की उम्र में अपनी सूझबूझ और मेहनत के बूते बेकार पड़ी जमीन को ऊपजाऊ तो बनाया ही, खुद के जीवनस्तर में भी बदलाव आया है। चार वर्ष पूर्व तक 10 हजार रुपए मासिक नौकरी करने वाला युवा अब 9 कार्मिकों को रोजगार दे रहा है। कचरुलाल पटेल का नाम अब प्रगतिशील युवा किसानों में भी शुमार होने लगा है।
किसान कचरु लाल पटेल बताते हैं कि नौकरी के दौरान उन पर काफी आर्थिक समस्याएं आईं। कई किसानों को पॉलीहाउस से कृषि करते देखा तो उसकी जानकारी जुटाई। उनके पास चार बीघा जमीन बेकार पड़ी थी, जिसमें मवेशी चरते थे। वहां पॉली हाउस बनाने का निर्णय लिया और आवेदन कर दिया।
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कचरु लाल पटेल बताते हैं कि उन्होंने 2-2 हजार वर्ग मीटर के दो पॉली हाउस लगवाए, जिनमें शिमला मिर्च और खीरे की खेती करते हैं। फसल को वह आसपास के किसानों के साथ मिलकर उदयपुर और अहमदाबाद भेजते हैं। खेती से मुनाफे को और विस्तार देना चाहते हैं।
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युवा कचरुलाल ने बीते वर्षों में खेती में काफी अच्छा काम किया। यह दूसरे युवाओं के कई प्रेरणादायी है। उसने अनुपयोगी भूमि को काम में लिया। कोई भी किसान 2000 वर्ग मीटर के पॉलीहाउस में शिमला मिर्च की खेती करता है तो वर्ष में औसतन 5-7 लाख रुपए खर्च निकालकर कमा सकता है।
डॉ . विकास कुमार चेचानी, उपनिदेशक, उद्यानिकी, बांसवाड़ा
युवा कृषक कचरुलाल पटेल बताते हैं कि वह बीए-बीएड हैं। सरकारी सेवा में जाने के लिए तैयारी भी करते थे। पॉली हाउस से हुई आमदनी का अनुभव अब उन्हें सरकारी शिक्षक के सपने से दूर कर चुका। कृषि कार्य में ही आगे कदम बढ़ाना चाहते हैं। उनकी कमाई 10 गुना बढ़ी है। शुरुआती वर्ष में महज एक लाख रुपए कमाते थे, अब दोनों पॉलीहाउस से 10 से 11 लाख रुपए की कमाई कर रहे हैं।
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