भरतपुर

बेखौफ खनन माफिया ने राजस्थान-हरियाणा के बीच बना दी 6 किमी अवैध सड़क, 2 अप्रेल को NGT में सुनवाई

Rajasthan News : खनन माफिया ने राजस्थान-हरियाणा के बीच 6 किमी अवैध सड़क बना दी। जिसके लिए एक किमी तक पहाड़ और 1500 से अधिक पेड़ काटे। 2 अप्रेल को एनजीटी में सुनवाई होगी। पढ़ें पूरी ग्राउंड रिपोर्ट।

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मेघश्याम पाराशरRajasthan News : राजस्थान और हरियाणा के खनन माफिया ने मिलकर अवैध खनन और परिवहन के लिए के अरावली पर्वत में वन विभाग की जमीन पर ही सड़क बना दी। सारा खेल सामने आने के बाद भी दोनों राज्यों के जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे हैं। छह किमी लंबी और 33 फीट चौड़ी सड़क के लिए एक किमी के एरिया में पहाड़ और 1500 से अधिक पेड़ों को काट दिया गया। हरियाणा में सरेआम अवैध खनन का सड़क से अवैध परिवहन राजस्थान का खनन माफिया कर रहा है। इतना ही नहीं, दोनों राज्यों के बीच अरावली पर्वत पर सड़क बनाने के लिए हरियाणा में नूंह के चकबंदी अधिकारी और गांव बसई मेव के सरपंच ने वन भूमि का खसरा नंबर तक बदल दिया। हरियाणा में अवैध खनन का पत्थर राजस्थान तो राजस्थान का अवैध खनन बाजार मूल्य के हिसाब से हरियाणा ले जाने के लिए पूरा खेल चल रहा है।

वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी व सरपंच पर लगाया जुर्माना

मामला वन विभाग के अपर मुख्य सचिव तक पहुंचा तो वन विभाग ने चकबंदी अधिकारी व सरपंच पर 99 लाख 22 हजार 500 रुपए व 31 लाख 51 हजार 440 रुपए का जुर्माना लगाया। जब इसे नहीं चुकाया गया तो फिरोजपुर झिरका कोर्ट में केस दायर किया गया है। एनजीटी में 2 अप्रेल को सुनवाई होनी है। दरअसल राजस्थान के खनन माफिया की ओर से सीमा से सटे पहाड़ों पर अवैध खनन व सामग्री को क्रशर प्लांटों तक पहुंचाने के लिए आसान रास्ता नहीं था इसलिए 85 लाख रुपए चंदे से जुटाकर सड़क बनाई गई। 27 नवंबर 2024 को डीएफओ के आदेश पर वन विभाग ने रास्ता भी बंद करा दिया, लेकिन सरपंच व चकबंदी अधिकारी ने रातोंरात रास्ता खुलवा दिया। ऐसा बार-बार हो रहा है।

सिर्फ कागजों में कार्रवाई

- बसई मेव के ग्रामीणों ने चार जुलाई 2024 को नूंह के डीएफओ को शिकायत दी कि हरियाणा से अवैध खनन सामग्री राजस्थान में बॉर्डर पर लगे क्रशर प्लांट तक ले जाने के लिए अवैध रास्ता निकाला जा रहा है।

- डीएफओ ने 11 अक्टूबर 2024 को फिरोजपुर झिरका के वन रेंजर को जांच के आदेश दिए। इसके बाद बसई मेव के सरपंच मोहम्मद हनीफ, चकबंदी अधिकारी जान मोहम्मद पर केस दर्ज किया गया।

- 27 नवंबर को रिपोर्ट मुख्यालय में प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ) को भेजी। लिखा कि डीसी, एसपी, एसडीएम, एसएचओ को पत्र भेजने के बाद अभी तक कार्रवाई नहीं हुई।

- 29 नवंबर को डीएफओ को नोडल अधिकारी (सीएम विंडो), अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने केस दायर करने के निर्देश दिए।

- जनवरी 2025 में अपर मुख्य सचिव से कार्रवाई की मांग की। प्रदेश सरकार से मंजूरी के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजेंगे। वहां से मंजूरी मिली तो छह माह से दो साल की जेल हो सकती है।

- हरियाणा के वन विभाग का दावा है कि अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्थान को बार-बार अवगत कराया जाता रहा है।

हम क्या कर सकते हैं

अगर अवैध सड़क हरियाणा के क्षेत्र में बनी हुई है तो हम क्या कर सकते हैं। क्योंकि वहां क्षेत्राधिकार उनका है। बाकी हमारे पास अगर वहां से अवैध खनन का इनपुट मिलता है तो कार्रवाई करते हैं।
उत्सव कौशल, जिला कलक्टर, डीग

हमने कार्रवाई कर दी

विभाग के स्तर पर जो कार्रवाई होनी थी, वह हमने पूरी कर दी है। रास्ता भी बंद करा दिया, लेकिन राजस्थान का खनन माफिया बार-बार खोल देता है। अधिकारियों पर कार्रवाई की बात डीसी ऑफिस जाने।
प्रदीप गुलिया, डीएफओ नूंह (हरियाणा)

मुख्य मार्ग से जुड़ रही….

यह सड़क राजस्थान के नांगल से हरियाणा के बसई, राजस्थान के छपरा से बसई, राजस्थान के विजासना से घाटा श्मशाबाद, राजस्थान के दहराली से बसई सड़क बनाई गई, जो कि हरियाणा के झिरका फिरोजपुर के मुख्य मार्ग से जुड़ रही हैं।

Updated on:
24 Mar 2025 10:23 am
Published on:
24 Mar 2025 07:58 am
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