CG News: जेईई में सफलता के बाद उन्हें आईआईटी बीएचयू और आईआईटी खडग़पुर में एडमिशन मिला, लेकिन ब्रांच इलेक्ट्रिकल थी। कंप्यूटर साइंस पढऩे की इच्छा में उन्होंने साहसी निर्णय लिया।
CG News: छत्तीसगढ़ के भिलाई जिले में सही फैसला जीवन बदल देता है, दुर्ग के चित्रांश अग्रवाल ने यह साबित कर दिखाया है। जेईई में सफलता के बाद उन्हें आईआईटी बीएचयू और आईआईटी खडग़पुर में एडमिशन मिला, लेकिन ब्रांच इलेक्ट्रिकल थी। कंप्यूटर साइंस पढऩे की इच्छा में उन्होंने साहसी निर्णय लिया।
आईआईटी छोडकऱ एनआईटी रायपुर का चयन किया। और आज उसी निर्णय ने उन्हें अमेरिकी सॉटवेयर कंपनी ‘डॉक्यूसाइन’ से 76 लाख रुपए वार्षिक पैकेज दिलाया है। डॉक्यूसाइन दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों जैसे फेसबुक, एक्स (ट्विटर) आदि के लिए ई-सिग्नेचर और इंटेलिजेंट एग्रीमेंट मैनेजमेंट सॉल्यूशन प्रदान करती है। चित्रांश की पोस्टिंग बेंगलुरु में होगी। वे वर्तमान में 7वें सेमेस्टर में हैं। यानी पढ़ाई पूरी होने से पहले ही नौकरी हाथ में।
कंपनी ने इंटरव्यू के तीन कड़े चरण लिए
फंडामेंटल्स एंड डीएसए टेस्ट
टेक्नीकल स्क्रीनिंग: प्रोग्रामिंग+ओएस-प्रोजेक्ट्स
एचआर इंटरव्यू: समस्याओं व आलोचना को कैसे हैंडल करते हैं?
इन सभी राउंड्स में सटीक जवाबों से चित्रांश ने जगह बनाई।
चित्रांश अग्रवाल ने कहा की कोडिंग कोई जादू नहीं, यह एक स्किल है। निरंतरता, कंप्यूटर फंडामेंटल्स और प्रोजेक्ट यही चाबी है। हैकाथॉन असली सीख देते हैं। जुनून बनाए रखें, सफलता तय है।
चित्रांश ने डीपीएस भिलाई से स्कूलिंग की। पिता संदीप अग्रवाल स्वयं एनआईटी रायपुर से पासआउट इंजीनियर हैं। बेटे के फैसले में उन्होंने पूरा साथ दिया। यह भिलाई-दुर्ग के बीटेक छात्रों को मिला अब तक का सबसे बड़ा पैकेज है। इससे पहले प्रीत कौर को 35 लाख पैकेज मिला था, जिसे चित्रांश ने दोगुना से भी अधिक कर पीछे छोड़ दिया।