Rajasthan Monsoon 2024: भीलवाड़ा-अजमेर जिले की सीमा से होकर गुजर रही नदी इस बार उल्टी चाल पकड़े हुए है। तीस साल बाद यह संयोग देखने को मिला है।
राकेश यादव
Bhilwara News: कुदरत का करिश्मा कहे या प्रकृति से छेड़छाड़ का नतीजा। कारण जो बने हो इस बार खारी नदी चार किलोमीटर उल्टी दिशा में बहकर किसानों के वरदान बन गई है। सुनने में अजीब लग रहा। सच्चाई है कि भीलवाड़ा-अजमेर जिले की सीमा से होकर गुजर रही खारी नदी इस बार उल्टी चाल पकड़े हुए है। इससे क्षेत्र के जलस्त्रोत रिचार्ज होने से सिंचाई के साथ पेयजल का पर्याप्त बंदोबस्त हो गया है। नदी के उल्टे बहने से ग्रामीणों के लिए कौतूहल बना हुआ है। इसका बड़ा कारण बजरी माफिया रहे हैं। अंधाधुंध अवैध बजरी दोहन होने से नदी का मूलस्वरूप बिगड़ गया है।
दरअसल, खारी नदी का उद्गम राजसमंद जिले से है। वहां से बहकर आसींद, गुलाबपुरा होते हुए क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल धानेश्वर धाम को पार करते हुए शाहपुरा जिले से होकर बनास नदी में मिलती है। हुरड़ा क्षेत्र के राजस्व गांव खाती खेड़ा खारी नदी के किनारे पर है। गांव से सटकर नदी में एनिकट बना है। अजमेर जिले के नगर गांव से एक बरसाती नाला भी इस एनिकट में आकर गिरता है। यहां से खारी नदी पूर्व दिशा की ओर बहते हुए धानेश्वर धाम जाती है।
पिछले दो दिनों से नदी एनिकट से आगे नहीं जाकर विपरीत दिशा में यानि पश्चिम दिशा की ओर बह रही। उल्टी चली नदी खाती खेड़ी से चार किलोमीटर चलकर हुरड़ा के मोक्षधाम घाट के नजदीक कच्चे एनिकट तक पहुंच गई। इससे पूरे सेजा क्षेत्र के जलस्त्रोत रिचार्ज हो गए। तीस साल बाद यह संयोग देखने को मिला जबकि इतनी बरसात नहीं होने के बावजूद नदी उल्टी चाल चल रही।
इस चमत्कार के पीछे ग्रामीण प्रकृति से छेड़छाड़ मान रहे हैं। बजरी माफिया ने नदी में पानी नहीं आने से इसे इस कदर खोदकर बजरी का उठाव किया कि नदी की मूल सतह नीचे हो गई और नदी का ढलान विपरीत दिशा में हो गया। इससे नदी इस समय उल्टी बह रही है।
नदी के स्वरूप को बिगाड़ने में बजरी माफिया का बड़ा हाथ है। पानी की तासीर है कि जहां-जहां गड्ढे होते हैं पानी लो लेवल की ओर आगे बढ़ता है। नदियों में रेत के कण जरूरी है।
-देवेन्द्र देराश्री, पूर्व अभियंता, जल संसाधन विभाग