MP News: जनता की समस्याओं को सुलझाने वाले अफसर ही विवादों में उलझ रहे हैं। चाहे वे आइएएस हों या आइपीएस और आइएफएस। छोटी-छोटी बातों पर विवाद और नियमों के खिलाफ काम करने की उनकी कार्यशैली ने उनकी साख पर बट्टा लगा दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने कार्रवाई की, कई को सस्पेंड किया....। यहां देखें दागी अफसरों के नामों की लिस्ट...
हरिचरण यादव
MP News: जनता की समस्याओं को सुलझाने वाले अफसर ही विवादों में उलझ रहे हैं। चाहे वे आइएएस हों या आइपीएस और आइएफएस। छोटी-छोटी बातों पर विवाद और नियमों के खिलाफ काम करने की उनकी कार्यशैली ने उनकी साख पर बट्टा लगा दिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने कार्रवाई की, कई को सस्पेंड किया। समय के साथ अफसर फिर बहाल भी हुए। इसके बाद भी अफसरशाही की कार्यशैली नहीं बदल रही। कभी जनप्रतिनिधियों से विवाद तो कभी जनता के लिए बदजुबानी सामने आ रही है।
ताजा मामला भिंड जिले का है। यहां कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव और भाजपा विधायक नरेन्द्र सिंह कुशवाहा के बीच हुआ विवाद शांत नहीं हुआ है। अंदर खाने काफी करंट है। विधायक ने कलेक्टर को बंगले पर जाकर चोर बताया तो कलेक्टर ने अंगुली दिखाते हुए विधायक को औकात में रहने की नसीहत दे दी। यह इकलौता मामला नहीं है। प्रदेश में दो साल में 8 से ज्यादा आइएएस, 5 आइपीएस और कई आइएफएस विवादों से घिर चुके हैं। विशेषज्ञों की मानें तो अफसरों को ऐसे विवाद शोभा नहीं देते। आम जनता पर इसका विपरित असर पड़ता है।
जनप्रतिनिधि और ब्यूरोक्रेट्स में बेहतर तालमेल के लिए मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा बैठकों में नसीहत दे रहे हैं। उनकी मंशा है कि जनता का काम करने वालों में अच्छा तालमेल होगा, तब प्रदेश तेजी से आगे बढ़ेगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी विधायकों व जनप्रतिनिधियों को समझाइश व नसीहत दोनों दे चुके हैं।
उधर आइएएस एसोसिएशन ब्यूरोक्रेट्स के साथ खड़ा है। भिंड कलेक्टर के साथ हुई घटना पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ आइएएस मनु श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल सीएम और सीएस से मिलकर कार्रवाई की मांग कर चुका है।
उमा माहेश्वरी आर, निदेशक भारतीय औषधि प्रणाली: 2013 बैच की आइएएस, सिया सदस्य सचिव रहते नियम विरुद्ध पर्यावरण मंजूरी दी। चेयरमैन के पत्रों का मुखरता से जवाब दिया। इससे कई बातें रिकार्ड में आईं। अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
डॉ. नवनीत मोहन कोठारी, प्रमुख सचिव, राजभवन: 2001 बैच के अफसर हैं। कई विभागों में बड़ी जिम्मेदारियों पर रह चुके। हाल में सिया विवाद में चर्चा में हैं। मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। उन्होंने खुद पक्षकार बनने की अर्जी भी दी है।
संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर, भिंड: 2011 बैच के अफसर। कई जिलों में कलेक्टर रहे। 27 अगस्त को भिंड विधायक नरेन्द्र कुशवाहा से विवाद के बाद सुर्खियों में हैं। अप्रेल में नकल के आरोप में छात्र रोहित को खूब चांटे मारे। छात्र ने पहले थाने में शिकायत की, बाद में कलेक्टर को ही आवेदन देकर मुकर गया।
किशोर कन्याल, कलेक्टर, गुना: 2013 बैच के अफसर। केंद्रीय मंत्री के खास। जनवरी 2024 में हड़ताल के दौरान ड्राइवरों की बैठक में समझाइश के दौरान ठन गई। एक ड्राइवर से कहा, तुम्हारी औकात क्या है। बाद में खेद जताया।
नेहा मारव्या, कलेक्टर, डिंडौरी: 2011 बैच की अफसर। रिटायर्ड आइएफएस की जांच के आधार पर एफआइआर करने की अनुशंसा से चर्चा में आईं। विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने कहा था-वे आदिवासियों के प्रति असंवेदनशील हैं।
सोनिया मीणा, कलेक्टर नर्मदापुरम: 2013 बैच की सोनिया मीणा को सरकार ने शपथ लेते ही नर्मदापुरम की कमान सौंपी थी। वे जुलाई 2024 में हाईकोर्ट की टिप्पणी से चर्चा में आईं। तब प्रशासन ने पत्र जज को लिखा। जज ने आपत्ति की।
नीरज सिंह, डायरेक्टर, पब्लिक हेल्थ,फैमिली वेल्फेयर: 2012 बैच के अफसर अप्रेल 2025 में एक विवाद में सुर्खियों में आए। इसके बाद उज्जैन कलेक्टर से हटा दिए गए। उन्हें दिसंबर 2023 को उज्जैन की कमान दी।
निधि सिंह, संयुक्त आयुक्त, भू-अभिलेख-बंदोबस्त: 2019 बैच की अफसर निधि सिंह के खिलाफ नगर निगम भोपाल में अपर आयुक्त रहते हुए जनवरी 2025 में निंदा प्रस्ताव आया। कुछ दिन बाद उन्हें हटाना पड़ा।
नागेंद्र सिंह, कमांडेंट, 25वीं बटालियन: 2014 बैच के हैं। बालाघाट एसपी रहते विवाद में पत्नी ने वरिष्ठ अफसरों से शिकायत की। रेत के अवैध कारोबार का भी विवाद आया। तब उन्हें फील्ड से हटाया। सरकार ने भिंड से हटाकर पीएचक्यू भेजा।
अविजीत रंजन, एआइजी पीएचक्यू: 2014 बैच कटनी में एसपी रहते तहसीलदार शैलेंद्र बिहारी मिश्रा ने परिवार से जुड़े आरोप लगाए। डीजीपी को पत्र लिखा। तहसीलदार के परिवार से थाने में मारपीट। जून में सरकार ने हटाया।
सुशांत सक्सेना, आइजी पीएचक्यू: 2005 बैच के अफसर हैं। दतिया में सार्वजनिक बहस के बाद चर्चा में आए। सरकार ने वरिष्ठ अफसरों की उक्त बहस को मर्यादा तोड़ने वाला घटनाक्रम बताया था।
कुमार सौरभ, आइजी पीएचक्यू: 2007 बैच के अफसर हैं। कई जिलों में रह चुके। दतिया में एयरपोर्ट के लोकार्पण के दौरान एसपी से विवाद के बाद हटाए गए।
वीरेंद्र कुमार, एएसपी पीएचक्यू: 2012 बैच के अफसर है। दतिया में एसपी रहे। 31 मई 2025 को वरिष्ठ आइपीएस अफसरों से भिड़ गए थे। बाद में हटा दिए गए।
नेहा श्रीवास्तव, डीएफओ बालाघाट: कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे पर रुपए मांगने का आरोप लगा चर्चा में आईं। विधायक ने कहा, नेहा डीएफओ पति को बचाने के लिए आरोप लगा रही हैं। सरकार ने जांच दल बनाया।
गौरव चौधरी, वन संरक्षक बालाघाट: बांधवगढ़ में अक्टूबर २०२४ में 11 हाथियों की मौत हुई। चौधरी छुट्टी से नहीं लौटे। फोन भी बंद था। निलंबित हुए, फिर बहाल हुए। चर्चा है, विभाग के बड़े अफसर का संरक्षण है।
अधर गुप्ता, डीएफओ, उत्तर बालाघाट: शहडोल संभागायुक्त रहे राजीव शर्मा ने अप्रेल-20 में सीसीएफ को कहा, गुप्ता बैठक में नहीं आते, मनमर्जी चलाते हैं।