
BJP MLA nephew connection with bhopal Sharik Machhli (फोटो सोर्स : पत्रिका)
MP News: राजधानी भोपाल में अवैध ड्रग्स और कब्जों के आरोपों में घिरे मछली परिवार के मामले में सिहावल (सीधी) से भाजपा विधायक विश्वामित्र पाठक अब चौतरफा घिरने लगे हैं। विवाद तब खड़ा हुआ जब शारिक मछली को छोड़ने की पैरवी करने के लिए विधायक विश्वामित्र का भतीजा जैनेद्र पाठक मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो के दिल्ली स्थित आवास पर पहुंच गया। सोशल मीडिया में वायरल हो रही कुछ तस्वीरें को देखकर सदस्य कानूनगो ने पुष्टि की है कि तस्वीर में दिख रहा शख्स ही उनसे मिलने आया था। प्रलोभन देने की कोशिश भी की थी। पूरे मामले को कानूनगो ने खुद सोशल मीडिया के जरिए सार्वजनिक किया।
ड्रग माफिया कनेक्शन पर बढ़ते आरोपों के बीच विधायक विश्वामित्र पाठक ने जैनेंद्र पाठक को सगे भाई नहीं, बल्कि बहुत दूर के रिश्ते में लगने वाले भाई का बेटा बताया। पत्रिका ने जब पड़ताल की तो विधायक पाठक की जमीन के कागजातों से स्पष्ट है कि विश्वामित्र और राजेंद्र पाठक दोनों सगे भाई हैं। जैनेंद्र पाठक राजेंद्र का बेटा है। पत्रिका के पास इनकी सोशल मीडिया में वायरल हुई वंशावली भी है। दोनों के पिता राम प्यारे हैं। बता दें विधायक विश्वामित्र ने अपने एक बयान में कहा है कि 10-15 वर्ष से इनका हमसे कोई पारिवारिक संबंध नहीं है। उन्होंने इसके लिए बकायदा सोशल मीडियापर एक बयान जारी किया है।
जो व्यक्ति मेरे पास आया था उसने अपना नाम जैनेंद्र पाठक बताया। उसने मछली परिवार की सिफारिश की। मैंने उस युवक को घर से भगा दिया और सूचना पुलिस को भी दी थी। -प्रियंक कानूनगो,सदस्य, मानवाधिकार आयोग
मामले में कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाते हुए सवाल उठाया कि भाजपा विधायक और उनके भतीजे भी जघन्य अपराधों में शामिल हैं। यदि नहीं हैं तो फिर मछली परिवार के लिए भाजपा नेताओं की हमदर्दी क्यों है? कई रिपोर्ट्स यह भी बता रही हैं कि भाजपा के कई नेता ‘मछली’ के साथ अवैध प्रॉपर्टी डील में जुड़े हैं।
Published on:
06 Sept 2025 02:47 pm
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