भोपाल

MP Police के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के 7 क्रांतिकारी निर्देश

Supreme Court on MP Police: मध्य प्रदेश पुलिस के खिलाफ मिली शिकायतों की स्वतंत्र समीक्षा के लिए शिकायत बोर्ड का करना होगा गठन करने के आदेश... दिए 7 क्रांतिकारी निर्देश

2 min read
Oct 09, 2025
सुप्रीम कोर्ट (फाइल - फोटो)

Supreme Court on MP Police Complaint Board: राज्य में पुलिस शिकायत बोर्ड का गठन वर्षों से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार समिति हर जिले में बनना अनिवार्य है। बोर्ड की अध्यक्षता प्रभारी मंत्री होंगे। उद्देश्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मिली शिकायतों की स्वतंत्र समीक्षा करना है। अब डीजीपी ने हाल ही में आदेश जारी कर जिलों में समिति को तत्काल गठित करने के निर्देश दिए हैं। कई जिलों के अधिकारी प्रक्रिया को टालते रहे। अब प्रत्येक शिकायत, जांच और अधिकारी के कदाचार की समीक्षा बोर्ड के जरिए हो सकेगी। विशेषज्ञों का मानना है, यह कदम पुलिस जवाबदेही और पारदर्शिता की दिशा में बड़ा सुधार साबित होगा। बशर्ते समिति सक्रिय रूप से काम करे।

ये भी पढ़ें

भोपाल से नवाबी शहर लखनऊ के लिए दौड़ेगी Vande Bharat Express, 20 कोच की मिली मंजूरी

जनता की होगी पुलिस, सत्ता की नहीं

प्रकाश सिंह बनाम भारत संघ (2006) के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पुलिस सुधारों (MP Police) पर सात क्रांतिकारी निर्देश दिए थे। इनका उद्देश्य पुलिस को राजनीतिक दबाव से मुक्त कर उसे निष्पक्ष, जवाबदेह और पेशेवर बनाना है। 2010 और 18 में बनी थी समिति कोर्ट के निर्देश का पालन वर्ष 2010 में किया गया। वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश में पालन हुआ। पुलिस कम्प्लेंट अथॉरिटी बनी, लेकिन प्रभारी मंत्री ने कभी समीक्षा नहीं की। इसके बाद इस समिति का गठन ही नहीं हुआ। अब 25 सितंबर को फिर से पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने प्रदेश के सभी जिलों में समिति के गठन के निर्देश दिए।

SC के 7 क्रांतिकारी निर्देश (Supreme Court Revolutionary directives)

1. राज्य सुरक्षा आयोग: पुलिस नीति तय करेगा। कामकाज की निगरानी करेगा।

2. डीजीपी की नियुक्ति में पारदर्शिता: योग्यता, अनुभव और सेवा रिकॉर्ड के आधार पर होगी। कम से कम दो वर्ष का कार्यकाल मिलेगा।

3. अधिकारियों का निश्चित कार्यकाल: थाना प्रभारी और जिला पुलिस जैसे पदों पर भी दो वर्ष का न्यूनतम कार्यकाल।

4. पुलिस स्थापना बोर्ड: स्थानांतरण, पदोन्नति और अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए हर राज्य में बोर्ड।

5. पुलिस शिकायत प्राधिकरण: जनता की शिकायतों की जांच के लिए राज्य और जिला स्तर पर गठित करने को कहा। स्वतंत्र जांच करेगा।

6. जांच और कानून व्यवस्था शाखा अलग: हर जिले के आदेश दिया गया, ताकि अपराध जांच निष्पक्ष और विशेषज्ञतापूर्ण हो सके।

7. राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग: केंद्र स्तर पर बनाया जाए। बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआइएसफ जैसे बलों के कामकाज की समीक्षा और उच्च पदस्थ नियुक्तियों पर सिफारिश करे।

ये भी पढ़ें

कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का मालिक तमिलनाडु से गिरफ्तार, ‘कोल्ड्रिफ’ केस में सबसे बड़ी कार्रवाई

Published on:
09 Oct 2025 09:35 am
Also Read
View All

अगली खबर