बिजनौर में एक चाचा दरिंदा बन गया। उसने भतीजी की गला रेतकर हत्या कर दी। भतीजे को दूसरी मंजिल से फेंका दिया। परिवार की चीखों के बीच आरोपी फरार हो गया है। गांव में दहशत और मातम पसरा है। इसके पीछे जो वजह सामने आई है। वह हैरान कर देने वाली है।
बिजनौर के मंडावली थाना इलाके में गुरुवार शाम ऐसा खौफनाक मंजर सामने आया कि गांव राजपुर नवादा में हर कोई सन्न रह गया। पीडब्ल्यूडी कर्मचारी जय सिंह अपने बड़े बेटे अरुण और छोटे बेटे हिमांशु (22) के साथ रहते हैं। बताया जाता है कि उसी शाम हिमांशु का किसी बात को लेकर भाभी मंजू से झगड़ा हो गया। इसी बहस के दौरान हिमांशु अचानक बेकाबू हो उठा और उसने ऐसी हरकत कर दी। जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।
परिजनों के मुताबिक हिमांशु अक्सर गुस्सैल रहता था। परिवार उसे नशे से दूर रखने के लिए पैसे देने से मना करता था। जिससे वह और चिड़चिड़ा हो जाता था। ऊपर से उसे यह गलतफहमी भी थी कि पैतृक जमीन पूरी तरह बड़े भाई अरुण के हिस्से में चली जाएगी। इसी नाराजगी और तनाव में वह हिंसक हो उठा।
शाम को जैसे ही उसने भाभी से पूछा कि भतीजी कहां है। बेटे ने बताया कि वह ट्यूशन गई है। यह सुनकर उसने पहले पांच साल के मयंक को पकड़कर दूसरी मंजिल से नीचे फेंक दिया। मंजू उसे रोकने दौड़ी तो वह उससे भी भिड़ गया। धक्का-मुक्की में मंजू भी नीचे गिर पड़ी। तभी उसे सीढ़ियों के पास मासूम मानवी दिख गई। जिसे उसने बेरहमी से चाकू से गोद दिया।
परिवार वाले चीख-पुकार सुनकर दौड़े। लेकिन तब तक हिमांशु फरार हो चुका था। बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने दो साल की मानवी को मृत घोषित कर दिया। मयंक गंभीर हालत में इलाज पा रहा है। मासूम बच्ची की मौत से मां मंजू बदहवास है। रो-रोकर वह सिर्फ एक ही बात कह रही है—"मेरी बेटी के कातिल को फांसी मिले। एसपी सिटी डॉक्टर कृष्ण गोपाल सिंह के अनुसार आरोपी पर हत्या और हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर उसकी तलाश की जा रही है।