Bhanwarnath Murder Case : बीकानेर का भंवरनाथ हत्याकांड पूरे राजस्थान में चर्चित था। कोर्ट ने एक ही परिवार के सभी 7 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। भंवरनाथ हत्याकांड क्यों हुआ जानिए इसकी पूरी कहानी।
Bhanwarnath Murder Case : बीकानेर के जामसर थाना क्षेत्र के बम्बलु गांव में हुए भंवरनाथ हत्याकांड आखिरकार फैसला आ गया। 7 लोग दोषी पाए गए, जिन्हें उम्रकैद और 22-22 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई। इस हत्याकांड की कहानी 27 मई 2014 की लिखी गई थी। जामसर निवासी अन्नानाथ ने जामसर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें बताया गया कि 27 मई, 14 को उसका भाई भंवरनाथ शाम को गांव में कुएं के पास से घर आ रहा था। इस दौरान पिकअप में सवार होकर पहुंचे लोगों ने उसे जान से मारने के लिए टक्कर मारी और लाठियों से हमला कर दिया, जिससे भंवरनाथ गंभीर रूप से घायल हो गया।
वारदात के बाद हमलावर गाड़ी लेकर भागने लगे तो उनकी पिकअप दीवार से टकरा गई। हमलावर गाड़ी छोड़कर और गंभीर रुप से घायल भंवरनाथ को मरा समझकर फरार हो गए। भंवरलाल को पीबीएम अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटना की जड़ में भूमि विवाद था। मृतक भंवरनाथ ने दुर्गनाथ से जमीन खरीदी थी, लेकिन आरोपियों का दावा था कि उस भूमि में उनका भी हिस्सा है। विवाद बढ़ा तो झगड़े के दौरान भंवरनाथ की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
इसके बाद जामसर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और अगस्त 2014 में आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। इस हत्याकांड में मोहननाथ, हेमनाथ, धन्ना नाथ, शंकरनाथ, बाधू देवी, सरोज और सीता सात आरोपी शामिल थे। सभी एक ही परिवार के हैं। मोहननाथ, हेमनाथ और धन्नानाथ सगे भाई हैं, जबकि हेमनाथ का बेटा शंकर सहित उसकी पत्नी बाधू देवी और बेटी सरोज थी।
हत्याकांड के इस मामले में एफएसएल की रिपोर्ट की बेहद अहम रही। एफएसएल टीम ने पुलिस की ओर से बरामद की गई लाठी पर लगा खून, मौके से बरामद मिट्टी पर बिखरा खून और मृतक भंवरनाथ के कपड़ों और शरीर से खून के नमूने लेकर उनकी जांच की। जांच रिपोर्ट में तीनों स्थानों पर खून एक ही व्यक्ति भंवरनाथ के पाए गए। पुलिस ने हमला करने में काम ली गई लाठी भी बरामद की थी। उसके शरीर पर 30 से 40 चोटों के निशान पाए गए थे और शव के फोटो भी अदालत में पेश किए गए।
11 साल का इंतजार करने के बाद आखिरकार कोर्ट ने 14 गवाहों के बयान और 34 दस्तावेज के पेश साक्ष्यों को पर्याप्त मानते हुए सभी को कठोर सजा दी। इन पर धारा-302/149 के तहत उम्रकैद तथा धारा-147 के तहत एक वर्ष कठोर कारावास सहित अर्थदंड की सजा सुनाई गई।