
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : सुप्रीम कोर्ट ने अवैध धर्मांतरण रोकने के लिए बनाए गए राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून पर राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने जयपुर कैथोलिक वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर यह आदेश दिया।
याचिका में कहा गया कि यह कानून सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है। विधायिका ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर यह कानून बनाया है। राजस्थान विधिविरुद्ध धर्म-संपरिवर्तन प्रतिषेध कानून, 2025 प्रदेश में 29 अक्टूबर से लागू हो चुका है।
कानून में सामूहिक धर्मांतरण कराने वाली संस्थाओं पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना और भवनों को सीज कर तोड़ने का प्रावधान है। कानून बिना न्यायिक हस्तक्षेप के दंडात्मक कार्रवाई की अनुमति देता है, जिससे सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष 2024 में निरस्त की गई कार्यपालिका द्वारा दंड देने की प्रक्रिया पुन: लागू हो गई है।
Published on:
18 Nov 2025 08:19 am
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