Holiday: शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर जिले में 10 दिसंबर 2025 को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है।
Holiday: शहीद वीर नारायण सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर जिले में 10 दिसंबर 2025 को स्थानीय अवकाश घोषित किया गया है। यह निर्णय जिला प्रशासन ने राज्य सरकार द्वारा गोवर्धन पूजा के दिन 21 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने के बाद लिया है। इस कारण 21 अक्टूबर को पहले घोषित स्थानीय अवकाश अब निरस्त कर दिया गया है और इसके स्थान पर 10 दिसंबर को अवकाश रखा गया है।
शहीद वीर नारायण सिंह का जन्म 1795 में बलौदाबाजार जिले के छोटे से गांव सोनाखान में हुआ था। उनके पिता गांव के जमींदार थे और परिवार की जमींदारी सोनाखान के अलावा लगभग 300 गांवों तक फैली हुई थी। वीर नारायण सिंह का अपनी प्रजा के प्रति गहरा लगाव था और वे हमेशा जनता की भलाई के लिए समर्पित रहे।
साल 1856 में सोनाखान में भीषण अकाल पड़ा, जिससे आम जनता गंभीर रूप से परेशान हो गई। भूख और दरिद्रता से पीड़ित लोगों की स्थिति देख वीर नारायण सिंह ने कसडोल के साहूकारों के अनाज के गोदाम लूट कर भूखी जनता में वितरण किया। इस कार्य से साहूकारों में नाराजगी पैदा हुई और उन्होंने इसकी शिकायत अंग्रेजों से कर दी।
अंग्रेजों ने सोनाखान की जनता पर दमन और अत्याचार बढ़ा दिए। बढ़ते जुल्म और जनता की पीड़ा को देखते हुए वीर नारायण सिंह की पत्नी ने उन्हें अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण करने की सलाह दी। इसके बाद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के सामने आत्मसमर्पण किया। उन्हें रायपुर जेल भेजा गया और 10 दिसंबर 1857 को रायपुर के जयस्तंभ चौक पर फांसी दी गई। उनके बलिदान ने स्वतंत्रता संग्राम में एक अमिट छाप छोड़ी और वे आज भी जनता के नायक के रूप में याद किए जाते हैं।