बिलासपुर

मेडिकल कारोबारी से 73 लाख की ठगी, मुंबई फाइनेंस कंपनी का कर्मचारी बनकर दिया झांसा, जानें क्या है पूरा मामला?

Fraud News: प्रधानमंत्री समृद्धि योजना के नाम पर मेडिकल कारोबारी से 73 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। ठगों ने 50 लाख का लोन दिलाने और उस पर 30 फीसदी सब्सिडी देने का झांसा दिया।

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उपअभियंता से साइबर ठगी (photo source- Patrika)

CG Fraud News: प्रधानमंत्री समृद्धि योजना के नाम पर मेडिकल कारोबारी से 73 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी हो गई। ठगों ने 50 लाख का लोन दिलाने और उस पर 30 फीसदी सब्सिडी देने का झांसा दिया। प्रोसेसिंग फीस और इंश्योरेंस चार्ज जैसी वजह बताकर व्यापारी से किस्तों में रकम वसूली गई। लेकिन न तो लोन मिला और न ही जमा की गई राशि लौटी। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने सकरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।

सकरी थाना क्षेत्र के नेचर सिटी निवासी राजेश पांडेय (50) मेडिकल व्यवसाय से जुड़े हैं। कारोबार के विस्तार के लिए लोन की जरूरत थी। इसी बीच 12 फरवरी को उनके मोबाइल पर अनजान कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस लिमिटेड, मुंबई ब्रांच का अधिकारी जिग्नेश त्रिवेदी बताया। उसने कारोबारी को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री समृद्धि योजना के तहत उन्हें 50 लाख का लोन आसानी से मिल सकता है। यही नहीं उस पर 30% सब्सिडी भी मिलेगी। कारोबारी लोन के लालच में फंस गया और मांगे गए दस्तावेज वाट्सऐप के जरिए भेज दिए।

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ऐसे हुई ठगी

  • 12 फरवरी- मेडिकल कारोबारी को मुंबई से कॉल, 50 लाख लोन का झांसा
  • 14 फरवरी- 19,900 प्रोसेसिंग फीस के नाम पर ट्रांसफर
  • 16 फरवरी- 35,700 लोन इंश्योरेंस चार्ज के नाम पर जमा
  • फरवरी से मार्च तक-अलग-अलग बहानों से लगातार रुपए मांगे गए
  • 20 खातों में कुल 73 लाख 23 हजार जमा किए गए, लोन न मिलने पर कारोबारी ने पैसे वापस मांगे, तब ठगों ने संपर्क ही तोड़ दिया।

20 खातों में कुल 73 लाख 23 हजार जमा कराए

लोन प्रोसेसिंग के नाम पर शुरुआत में 19,900 रुपए और फिर 35,700 रुपए इंश्योरेंस चार्ज के रूप में जमा कराए गए। इसके बाद ठग अलग-अलग बहाने से लगातार रकम मांगते रहे। धीरे-धीरे कर कारोबारी ने 20 अलग-अलग बैंक खातों में कुल 73 लाख 23 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। बावजूद इसके लोन मंजूर नहीं हुआ।

इस पर जब कारोबारी ने रुपए वापस मांगे तो ठगों ने कहा कि पूरी राशि एकमुश्त लौटा दी जाएगी। लेकिन यह भी छलावा निकला। ठग नए-नए शुल्क बताकर पैसे की मांग करते रहे। आखिरकार कारोबारी को समझ आ गया कि वह बड़े पैमाने पर साइबर ठगी का शिकार हो चुका है। पीड़ित ने परेशान होकर सकरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। ठगों के बैंक खातों और मोबाइल नंबर की जांच की जा रही है। साइबर सेल की मदद से उनकी लोकेशन और पहचान का पता लगाया जा रहा है।

ठग अब सरकारी योजनाओं का सहारा लेकर भोले-भाले कारोबारियों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। फर्जी कॉल और व्हाट्सऐप मैसेज के जरिए पहले छोटे-छोटे शुल्क के नाम पर पैसे मंगाए जाते हैं, फिर धीरे-धीरे रकम करोड़ों तक पहुंच जाती है। किसी भी अनजान कॉल या ऑफर पर भरोसा न करें और तुरंत इसकी सूचना पुलिस या साइबर सेल को दें। - निमितेश सिंह, सीएसपी, बिलासपुर

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Published on:
02 Oct 2025 05:00 pm
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