Bilaspur News: मां की ममता से वंचित और पिता के सहारे से भी दूर एक नवजात बेटे को सिम्स अस्पताल ने अपने आंचल में संभाला। बीस दिन तक डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने माता-पिता की भूमिका निभाते हुए उसकी देखभाल की।
CG News: मां की ममता से वंचित और पिता के सहारे से भी दूर एक नवजात बेटे को सिम्स अस्पताल ने अपने आंचल में संभाला। बीस दिन तक डॉक्टरों और नर्सों की टीम ने माता-पिता की भूमिका निभाते हुए उसकी देखभाल की।
अब यह बच्चा सुरक्षित हाथों में है और चाइल्ड लाइन के जरिए उसका भविष्य संवारा जाएगा। 15 अगस्त को सिस के महिला एवं प्रसूति विभाग में भरनी परसदा सकरी निवासी कविता (20) ने बेटे को जन्म दिया था। प्रसव के परिजनों का आना बंद हो गया। इसके बाद विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश नाहरेल, डॉ. समीर कुमार जैन, डॉ. सलीम खलखो, डॉ. मीनाक्षी ठाकुर, डॉ. जायकिशोर और नर्सिंग स्टाफ-सिस्टर विभा श्रीवास, सरोजिनी, कमलेश, मीरा देवांगन, आया भावना सिदार और पुष्पा ने दिन-रात उसकी देखभाल की।
संयुक्त संचालकडॉ. लखन सिंह के निर्देश पर 11 सितंबर से बच्चे के पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की गई। शनिवार को शिशु को चाइल्ड लाइन बिलासपुर को सौंपा गया। चाइल्ड हेल्पलाइन प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी, सुपरवाइजर आस्था सिंह, चंद्रप्रकाश श्रीवास और समाजसेवी विकास साहू (सेवा भारती मातृछाया) मौजूद रहे।
नवजात को सुरक्षित और संपूर्ण देखभाल दी गई। अब चाइल्ड लाइन उसकी परवरिश और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करेगी। - डॉ. रमणेश मूर्ति, डीन सिम्स।