Bilaspur News: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) के छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत मामले ने अब बड़ा मोड़ ले लिया है। करीब 27 दिनों की जांच के बाद पुलिस ने पुष्टि की है कि अर्सलान की मौत सुरक्षा व्यवस्था में हुई गंभीर लापरवाही का नतीजा है।
Bilaspur News: गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय (जीजीयू) में पढ़ने वाले छात्र अर्सलान अंसारी की संदिग्ध मौत का मामला अब बड़ा मोड़ ले चुका है। करीब 27 दिनों की जांच के बाद पुलिस ने पुष्टि की है कि अर्सलान की मौत सुरक्षा लापरवाही का नतीजा है। इस आधार पर कोनी पुलिस ने विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी, वार्डन सहित संबंधित जिम्मेदारों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी है। घटना 23 अक्टूबर 2025 की है। परिसर स्थित सरस्वती मंदिर रोड के पास बने बांधा तालाब में एक शव तैरता हुआ देखे जाने की सूचना पर पुलिस पहुंची।
जांच में पता चला कि यह शव बीएससी फिजिक्स तृतीय वर्ष के छात्र अर्सलान अंसारी का है, जो 21 अक्टूबर से विवेकानंद हॉस्टल से लापता था। दो दिन बाद उसका शव तालाब में मिला। 25 अक्टूबर को बिहार के कादिरपुर गांव से पहुंचे उसके पिता अर्शद अयूब ने कपड़ों के आधार पर शव की पहचान की और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई।
एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर पुलिस ने मर्ग जांच में घटनास्थल का निरीक्षण, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, गवाहों के बयान और सभी परीक्षणों का विश्लेषण किया। जांच में सामने आया कि जिस तालाब के किनारे अर्सलान का शव मिला, वहां फिसलन भरी मिट्टी, गहरा पानी, कोई सुरक्षा बाड़ा नहीं, न चेतावनी बोर्ड और न ही सुरक्षा निगरानी थी। यह विश्वविद्यालय परिसर में गंभीर सुरक्षा चूक को दर्शाता है।
पुलिस के अनुसार, सुरक्षा अधिकारी, वार्डन और अन्य जिम्मेदार व्यक्तियों ने अपने कर्तव्यों का पालन नहीं किया, जिससे दुर्घटना को रोका जा सकता था। यह स्पष्ट सुरक्षा लापरवाही एक संज्ञेय अपराध की श्रेणी में पाया गया। इसी आधार पर कोनी पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर संबंधितों को जांच के दायरे में ले लिया है।
अर्सलान की मौत के बाद एबीवीपी और एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। प्रारंभिक जांच में लापरवाही साबित होने पर प्रबंधन ने केयरटेकर सहित 5 वार्डन को हटाया है। हालांकि प्रबंधन की जांच समिति ने अब तक अपनी रिपोर्ट सौंपने में देरी की है, जिसके विरोध में छात्र संगठनों ने एसएसपी रजनेश सिंह को ज्ञापन देकर जांच तेज करने की मांग की थी।
जीजीयू प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल किसी को नामजद नहीं किया गया है। जांच जारी है और सभी जिम्मेदारों की पहचान होने पर नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। -गगन कुमार, सीएसपी।