Bilaspur News: नर्सरी कक्षाओं का संचालन कर रहे निजी स्कूलों पर अब सती शुरू हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिना अनुमति नर्सरी कक्षा चलाना ग़ैरकानूनी होगा।
CG News: बिलासपुर जिले में नर्सरी कक्षाओं का संचालन कर रहे निजी स्कूलों पर अब सख्ती शुरू हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिना अनुमति नर्सरी कक्षा चलाना ग़ैरकानूनी होगा।
जिले में 200 से ज्यादा नर्सरी स्कूल संचालित हो रहे हैं, लेकिन मान्यता के लिए अब तक सिर्फ 5 स्कूलों ने ही शिक्षा विभाग में आवेदन किया है। जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने जिले के चारों ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र के सभी नर्सरी स्कूलों की जानकारी 3 दिन के भीतर उपलब्ध कराएं। साथ ही यह भी स्पष्ट करें कि कितने स्कूल बिना अनुमति नर्सरी कक्षा चला रहे हैं। शिक्षा विभाग के पास अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है कि बिल्हा, मस्तूरी, कोटा और तखतपुर चारों ब्लॉक में कहां कितने नर्सरी स्कूल संचालित हैं।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिले में चल रहे नर्सरी स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है। मान्यता प्राप्त स्कूलों को ही संचालन की अनुमति दी जाएगी। जिन स्कूलों ने अब तक आवेदन नहीं किया है, उन्हें नोटिस जारी कर कारण पूछा जाएगा। बच्चों का दाखिला कर चुके। ऐसे में विभाग को जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करनी होगी ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।
बिना मान्यता चल रहे नर्सरी स्कूलों के मामले में 5 अगस्त को हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए कड़ी नाराज़गी जताई थी। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि गली-मोहल्लों में पान दुकान की तरह स्कूल खोलकर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है और मालिक मर्सिडीज गाड़ियों में घूम रहे हैं। 2013 से मान्यता लेना अनिवार्य है, इसके बाद भी स्कूल चलाना अपराध है और ऐसे में बच्चों को 5 लाख मुआवज़ा मिलना चाहिए। शिक्षा विभाग द्वारा कमेटी की रिपोर्ट पर अधिनियम खत्म करने के प्रस्ताव पर कोर्ट ने फटकार लगाई और कहा कि बदलाव आगे से लागू होगा, पिछली तारीख से नहीं।
नर्सरी स्कूल संचालन के लिए भी अब शिक्षा विभाग में आवेदन कर मान्यता लेनी होगी। अब .तक केवल 5 स्कूल के आवेदन आए हुए हैं। डीईओ के माध्यम से सभी बीईओ को पत्र लिखकर 3 दिन के भीतर उनके क्षेत्र के नर्सरी स्कूलों की जानकारी मांगी गई है। - सूर्यप्रकाश कश्यप, मान्यता खंड प्रभारी, शिक्षा विभाग।