Year Ender 2025: शेयर बाजार के निवेशकों को साल 2025 ने निराश किया है। अधिकतर शेयरों ने एफडी से भी कम रिटर्न दिया है। स्मॉल कैप शेयरों ने इस साल सबसे कम मुनाफा दिया।
Year Ender 2025: सेंसेक्स-निफ्टी भले ही साल 2025 में 2024 से ज्यादा चढ़े हों, पर इस साल शेयर बाजार में अधिकतर निवेशकों की कमाई निराशाजनक ही रही है। सेंसेक्स इस साल करीब 8.8% चढ़ा, फिर भी बीएसई में लिस्टेड हर 10 में से 8 शेयर यानी 79% स्टॉक्स ऐसे हैं, जो 6.25% रिटर्न देने वाली एसबीआई की एक साल की एफडी को भी नहीं पछाड़ पाए। यानी बाजार बढ़ने के बावजूद ज्यादातर निवेशकों को एफडी से बेहतर फायदा नहीं मिला। मुनाफा कुछ गिने-चुने बड़े और मजबूत शेयरों तक ही सीमित रहा, जबकि ज्यादातर शेयर सुस्त पड़े रहे।
वर्ष 2021 में करीब 85% शेयरों ने एफडी से बेहतर रिटर्न दिया था। 2023 व 2024 में भी हालात अपेक्षाकृत बेहतर थे। लेकिन 2025 में बाजार काफी चुनिंदा हो गया और सिर्फ कुछ ही शेयर निवेशकों की उम्मीदों पर खरे उतरे। इस साल निवेशक जोखिम लेने से हिचकने लगे। इसका असर यह हुआ कि घरेलू पैसा कुछ भरोसेमंद और बड़े नामों में ही सिमट गया। टॉप-100 कंपनियों में 55% शेयरों ने अच्छा प्रदर्शन किया। रिलायंस, एचडीएफसी, एसबीआई एयरटेल जैसे बड़े शेयरों ने अच्छा रिटर्न दिया।
मिडकैप में 45% का रिटर्न बेहतर रहा, पर सबसे खराब हालत स्मॉलकैप की रही। 250वें नंबर से नीचे रैंक वाले शेयरों में सिर्फ 18% ही ऐसे थे जो एफडी से बेहतर कर पाए। यानी 3300 शेयरों में से 610 में ही एफडी से ज्यादा रिटर्न मिला।
2025 में बैंकिंग शेयरों का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा। ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्टील जैसे सेक्टरों में कुछ शेयर चले, कुछ नहीं। केवल 3% शुगर स्टॉक्स ही बैंक एफडी को मात दे पाए। ऐसी ही खराब हालत ट्रांसपोर्ट और होटल शेयरों की रही। 2025 का सबसे बड़ा संदेश यही है कि सिर्फ बाजार के ऊपर जाने से सभी को फायदा नहीं होता, जब तक बाजार में भागीदारी बढ़कर ज्यादा शेयरों तक नहीं पहुंचती, तब तक इक्विटी में सभी के लिए उत्साह नहीं बनता। 2026 में भी सिर्फ मजबूत कंपनियों के ही आगे बढ़ने का अनुमान है।