श्रीकांत का कहना है कि अगर टीम घरेलू परिस्थितियों में नहीं खेल पा रही, तो सभी मैच इंग्लैंड में ही खेल लिए जाएं। उनका यह बयान गौतम गंभीर के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ सीरीज को बड़ी उपलब्धि बताया था।
Kris Srikkanth, India vs South Africa Test: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर पर 2-0 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है। फैंस से लेकर पूर्व खिलाड़ी तक, सभी टीम के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पिछले 12 महीनों में यह दूसरी बार है जब भारतीय टीम घर पर क्लीनस्वीप हुई है। इससे पहले अक्टूबर-नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज में भारत को 3-0 से रौंदा था। इसी बीच पूर्व भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत ने भी टीम इंडिया पर तीखा प्रहार किया है।
श्रीकांत का कहना है कि अगर टीम घरेलू परिस्थितियों में नहीं खेल पा रही, तो सभी मैच इंग्लैंड में ही खेल लिए जाएं। उनका यह बयान गौतम गंभीर के उस दावे के बाद आया, जिसमें उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2-2 से ड्रॉ सीरीज को बड़ी उपलब्धि बताया था।
अपने यूट्यूब चैनल पर श्रीकांत ने कहा, "अब समस्या यह है कि आप स्पिनिंग ट्रैक और तेज गेंदबाजी वाली पिचों पर फंस रहे हैं। अब वे क्या चाहते हैं? कोलकाता में उन्होंने कहा था कि उन्हें ऐसी ही पिच चाहिए थी। ठीक है, गुवाहाटी की पिच बल्लेबाजी के लिए शानदार थी। इसमें कोई दोष नहीं था। साइमन हार्मर ने शानदार गेंदबाजी की।"
इसके बाद हंसते हुए श्रीकांत ने तंज कसते हुए कहा, "भारत के अच्छे प्रदर्शन के लिए मेरे पास एक शानदार आइडिया है। भारत को न्यूट्रल वेन्यू पर खेलना चाहिए। सारी टेस्ट सीरीज इंग्लैंड में होनी चाहिए। वहां भारतीय फैंस भी आते हैं और टीम भी अच्छा खेलती है। खिलाड़ी ब्रिटेन में छुट्टियां मना सकते हैं और मैच देखने जा सकते हैं। आपने कहा था कि भारतीयों ने इंग्लैंड में शानदार प्रदर्शन किया था, तो वहां फिर से अच्छा खेलेंगे। भारत में अब घरेलू टेस्ट मैच नहीं होने चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "आलोचना को स्वीकार करना होगा। कहना चाहिए, 'हां, हमसे गलती हुई', या फिर व्यवस्था में खामियां हैं और उसे सुधारने की जरूरत है। अगर आप पारदर्शी हैं, तो ठीक है। टीमें मैच हारती हैं, सीरीज हारती हैं, यहां तक कि घरेलू सीरीज भी, लेकिन गलतियों को मानने से इनकार नहीं कर सकते। विश्लेषण तो करना ही पड़ेगा। आपने ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद अभिषेक नायर को हटा दिया। उन पर उंगली उठाई। फिर अब यह प्रदर्शन कैसा है? कौन जिम्मेदार है? उनसे कौन सवाल करेगा? वे तो राजा के लाड़ले जैसे हैं।"
श्रीकांत के अनुसार, खिलाड़ियों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। उन्होंने कहा, "क्या ये बल्लेबाज सात घंटे टिककर मैच नहीं बचा सकते? जीत न सको तो कम से कम ड्रॉ तो करा ही सकते हो!"