
भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर। (फोटो सोर्स: एक्स@/BCCI)
India vs South Africa Test: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घर पर 2-0 से टेस्ट सीरीज हारने के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है। फैंस से लेकर पूर्व खिलाड़ी तक, सभी गौतम गंभीर की कोचिंग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पिछले 12 महीनों में यह दूसरी बार है जब भारतीय टीम घर पर क्लीनस्वीप हुई है। इससे पहले अक्टूबर-नवंबर 2024 में न्यूजीलैंड ने तीन मैचों की सीरीज में भारत को 3-0 से रौंदा था।
टीम के इस शर्मनाक प्रदर्शन के बावजूद भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) किसी भी जल्दबाज़ी में बड़ा फैसला लेने के मूड में नहीं है। इसके बजाय बोर्ड आने वाले दिनों में चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट के साथ एक रिव्यू मीटिंग करेगा। किसी बड़े बदलाव की संभावना अभी नहीं है और माना जा रहा है कि चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट वही खिलाड़ियों का समूह आगे भी बैक करता रहेगा, जिन पर वे पहले से भरोसा जता रहे हैं।
भारत के पास इंग्लैंड में सीरीज जीतने का मौका था। लेकिन वहां भी सीरीज 2-2 से ड्रा रही। इसे टीम के कोच गौतम गंभीर ने उपलब्धि बताया है। इसके अलावा भारत ने वेस्टइंडीज़ को घर पर हराया है। लेकिन गंभीर के टेनियोर पर नज़र डाली जाये तो उनकी कोचिंग में भारत ने तीसरी टेस्ट सीरीज हारी है। न्यूज़ीलैंड और दक्षिण अफ्रीका से घर में सीरीज़ हार के अलावा ऑस्ट्रेलिया में टीम को करारी हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि व्हाइट-बॉल क्रिकेट में चैंपियंस ट्रॉफी व एशिया कप ही सकारात्मक पहलू रहे।
बुधवार को सीरीज़ हारने के बाद जब गंभीर से पूछा गया कि क्या वे टेस्ट टीम के लिए सही कोच हैं, तो उन्होंने अपने भविष्य का फैसला बीसीसीआई पर छोड़ दिया। एक बीसीसीआई अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "बोर्ड किसी भी फैसले में जल्दबाज़ी नहीं करेगा। टीम एक ट्रांज़िशन फेज़ से गुजर रही है। जहाँ तक कोच गौतम गंभीर की बात है, उन पर हम कोई फैसला नहीं लेने वाले क्योंकि वर्ल्ड कप करीब है और उनका कॉन्ट्रैक्ट 2027 विश्व कप तक है। चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट से बात जरूर होगी, लेकिन कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया जाएगा।"
इस सीरीज़ में भारतीय टीम की रणनीति की कड़ी आलोचना हो रही है, खासतौर पर ऑलराउंडर वॉशिंगटन सुंदर की बल्लेबाज़ी पोज़िशन में बदलाव को लेकर। लंबी बल्लेबाज़ी लाइन-अप होने के बावजूद भारत बड़ा स्कोर नहीं बना सका और दो टेस्ट में एक भी शतक नहीं आया। हैरानी की बात यह है कि पूरी सीरीज में सिर्फ दो ही भारतीय बल्लेबाज 100 से ज्यादा रन बना सके। धीमी और टर्न लेती पिचों पर खेलने की जिद ने भारतीय बल्लेबाज़ों की तकनीक को कमजोर कर दिया।
गुवाहाटी में सीरीज़ हारने के तुरंत बाद, मुख्य कोच गंभीर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार-बार कहा कि वे बहाने नहीं बनाते। लेकिन लगभग 13 मिनट की बातचीत में उन्होंने कई बार युवा टीम, ट्रांज़िशन फेज़ और शेड्यूलिंग को संभावित कारणों के रूप में गिनाया। सीधे तौर पर जब उनसे पूछा गया कि इस हार की ज़िम्मेदारी कहाँ से शुरू होती है, तो उन्होंने अपने अंदाज़ में तुरंत जवाब दिया, "उस ड्रेसिंग रूम में हर किसी पर, और शुरुआत मुझसे होती है। मैं ऐसा इंसान नहीं हूं जो कहे कि फलां या ढिंका पर दोष है। जिम्मेदारी उस कमरे में बैठे हर व्यक्ति की है, यही टीम स्पोर्ट की सबसे बड़ी सच्चाई है।”
इसके बाद वे तुरंत पहली पारी की बल्लेबाज़ी पर लौटे, खासकर तीसरे दिन के उस सेशन पर जहां भारत ने लगातार विकेट खोकर दक्षिण अफ्रीका को बढ़त सौंप दी। उन्होंने कहा, "आप लोग मैच देख रहे होंगे। 95/1 से 120/7, यह स्वीकार्य नहीं है। हम हमेशा स्पिन के खिलाफ खेल की बात करते हैं, लेकिन उस चरण में एक सीमर ने चार विकेट लिए और पहले भी हमारे साथ ऐसे पतन हुए हैं। किसी को आगे आकर यह कहना होगा, मैं इसे रोकूंगा। तीसरे दिन एक समय आप मैच पर नियंत्रण में थे, और वहाँ से बिना बोर्ड पर रन जोड़े 5-6 विकेट खो देना… इससे तो आप हमेशा पिछड़ते ही रहेंगे।”
Updated on:
27 Nov 2025 12:18 pm
Published on:
27 Nov 2025 11:23 am
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