Pratika Rawal on Shafali Verma: प्रतिका रावल ने दुर्भाग्य से चोट के चलते विश्व कप (Women's World Cup 2025) के नॉकआउट चरण मिस कर दिया, लेकिन उन्हें इसका कोई मलाल नहीं है। उन्होंने टूर्नामेंट में अपनी जगह शैफाली वर्मा को लिए जाने पर खुलकर बात की है।
Pratika Rawal on Shafali Verma: दिल्ली की बल्लेबाज प्रतिका रावल आईसीसी महिला वनडे विश्व कप 2025 (Women's World Cup 2025) में भारत की दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी रहीं। उन्होंने सात मैचों में 308 रन बनाए और शीर्ष पर टीम की सबसे भरोसेमंद खिलाड़ियों में से एक बन गईं। लेकिन, दुर्भाग्य ही कहेंगे कि बांग्लादेश के खिलाफ भारत के आखिरी ग्रुप मैच के दौरान फिल्डिंग करते समय उनका टखना मुड़ गया और उन्हें बाकी टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया। प्रतिका की इंजरी ने शैफाली वर्मा के लिए रास्ता खोल दिया, जो मूल टीम का हिस्सा भी नहीं थीं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले शैफाली को अंतिम समय में प्रतिस्थापन के तौर पर बुलाया गया।
एक साल तक वनडे क्रिकेट से दूर रहने के बाद सीधे विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंची शेफाली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ केवल 10 रन ही बना पाईं। उनके फॉर्म और फाइनल के लिए उनकी तैयारी पर सवाल उठाए गए। लेकिन, सबसे बड़े मंच पर उन्होंने सबको चुप करा दिया। नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खिताबी मुकाबले में उन्होंने 87 रनों की शानदार पारी खेली और सुने लुस और कप्प के विकेट भी लिए। शेफाली फाइनल में प्लेयर ऑफ द मैच बनीं। यह एक ऐसा पल था, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
व्हीलचेयर पर बैठ बाहर से मैच देख रही प्रतिका रावल के पास निराश होने की हर वजह थी। फिर भी वह शांत रहीं। उन्होंने इंडिया टुडे से बातचीत में कहा कि वह हमेशा शैफाली का सम्मान करती रही हैं और याद किया कि कैसे इस युवा सलामी बल्लेबाज ने सालों पहले उनकी घरेलू टीम के खिलाफ शतक बनाया था। रावल ने कहा कि शैफाली के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है। उसने हमारी टीम के लिए, जो किया वह अविश्वसनीय था। इस तरह के दबाव के साथ सेमीफाइनल में उतरना आसान नहीं होता, लेकिन उसने इसे खूबसूरती से संभाला।
रावल ने कहा कि मुझे याद है कि मैंने हरियाणा के खिलाफ एक घरेलू मैच खेला था, जिसमें उसने शतक बनाया था। मैं विपक्षी टीम की कप्तानी कर रही थी। उस दिन से मैं उसकी बहुत प्रशंसा करती हूं। प्रतिका ने मंधाना के साथ अपनी जोड़ी पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारी सादगी ही हमारी पहचान है। हमें साथ खेलना बहुत पसंद है। हम दोनों ही इतनी परिपक्व हैं कि परिस्थिति की जरूरतों को समझ सकती हैं। वह कभी मेरे खेल में दखल नहीं देती और मैं भी उसके खेल में। यही आपसी विश्वास और समझ हमारी साझेदारी को इतना सफल बनाती है।
विश्व कप के नॉकआउट चरण से चूकने के बाद भी रावल का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। न्यूजीलैंड के खिलाफ उनकी 122 रनों की पारी ने लगातार तीन हार के बाद भारत के अभियान को पुनर्जीवित कर दिया था। हालांकि वह फाइनल टीम का हिस्सा नहीं बन पाईं, लेकिन उन्होंने टीम के साथ जश्न मनाया। मैच के बाद रावल व्हीलचेयर पर नजर आईं। उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी।