दमोह

गले में बाघ के नाखून पहनने पर उठा सवाल, तो कथावाचक ने क्यों लिया ‘श्रीराम’ का नाम?

MP News: धार्मिक अनुष्ठान में बाघ के नाखून गले में धारण किए पहुंचे कथावाचक विपिन बिहारी, प्रेस वार्ता में पत्रिका ने उठाया सवाल, तो भगवान राम का लिया नाम.. जानें क्यों लिया मर्यादा पुरुषोत्तम का नाम...

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Sep 03, 2025
पत्रिका (फोटो सोर्स: कथावाचक विपिन बिहारी महाराज FB/social media)

MP News: बुंदेलखंड के गो-पीठाधीश्वर पंडित विपिन बिहारी अपने बयान और पहनावे को लेकर सुर्खियों में आ गए। धगत चौराहा स्थित गणेशोत्सव धार्मिक अनुष्ठान में पहुंचे कथावाचक गले में बाघ के नाखून पहने दिखे। प्रेस वार्ता में पत्रिका ने जब उनसे (Kathavachak Vipin Bihari) इस पर सवाल किया, तो उन्होंने तर्क दिया कि भगवान श्रीराम (Lord Shri Rama) भी मृत शेर के नख पहनते थे। हालांकि जानकारों ने इस पर सवाल उठाए हैं।

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गले में क्यों धारण किए जाते हैं बाघ के नाखून

दरअसल ज्योतिष में मान्यता है कि बाघ के नाखून (Tigers Nail) का लॉकेट बनाकर गले में पहना जाए तो ये आत्मविश्वास, साहस और हर कार्य में सफलता देता है। बुरी आत्माओं और नकारात्मकताओं को दूर रखता है। आस्था और धर्म के प्रति विश्वास बनाए रखता है। वहीं साधु-संत इसे सिद्धि प्राप्त करने में मिल रही असफलताओं को सफलता में बदलने वाली महत्वपूर्ण वस्तु मानते हैं। हालांकि पत्रिका इसकी पुष्टि नहीं करता है।

यह गैरकानूनी है…

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत बाघ के पंजे या उसके किसी भी हिस्से को रखना, पहनना या बेचना अवैध है। इसमें सजा भी हो सकती है। बाघ के नाखून से बने आभूषण पहनना भी गैरकानूनी है।

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Updated on:
03 Sept 2025 09:30 am
Published on:
03 Sept 2025 09:27 am
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