दंतेवाड़ा

भोपालपटनम के वरदली में बिना छत के स्कूल, खुले आसमान तले पढ़ रहे बच्चे, प्रशासन मौन…

CG News: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बसंत राव ताटी ने इस दुर्दशा पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार के 'हमने बनाया है, हम ही सँवारेंगे' जैसे नारों की असलियत ज़मीनी हकीकत में देखी जा सकती है।

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भोपालपटनम के वरदली में बिना छत के स्कूल (Photo source- Patrika)

CG News: शिक्षा व्यवस्था की लचर हालत और सरकारी उदासीनता के बीच भोपालपटनम विकासखंड के ग्राम पंचायत वरदली में संचालित प्राथमिक शाला की तस्वीर दिल को झकझोर देने वाली है। यहां के बच्चे न तो पढ़ाई से पीछे हटे हैं, न ही हालात से हार मानी है।

वरदली में संचालित एक स्कूल भवन की छत नदारद है यहां चारदीवारी के भीतर खुले आसमान तले छात्र अध्ययन कर रहे हैं। यहां छात्र धूप की गर्मी और बारिश के पानी से बचने के लिए एक टीन की चादर के नीचे समाकर पढ़ाई करते नजर आते हैं। खुले आसमान के नीचे बैठकर शिक्षा पाने की इस कोशिश ने जहां शिक्षा विभाग की पोल खोल दी है, वहीं बच्चों का यह जज्बा पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गया है।

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CG News: ‘हमने बनाया है, हम ही सँवारेंगे’ के नारे की खुली पोल

पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बसंत राव ताटी ने इस दुर्दशा पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि भाजपा सरकार के ’’हमने बनाया है, हम ही सँवारेंगे’’ जैसे नारों की असलियत ज़मीनी हकीकत में देखी जा सकती है। लाखों रुपए खर्च होने के बावजूद प्राथमिक शाला वरदली की हालत जर्जर है, और बच्चों को पढ़ाई के लिए छत तक नसीब नहीं हो रही।

समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी

पी. नागेंद्र कुमार, विकासखंड शिक्षा अधिकारी: पूर्व में सभी प्रधानाध्यापकों को यह निर्देश जारी किए जा चुका हैं कि जिन स्कूलों में भवन स्थिति जर्जर है, वहां शाला संचालन न करें। इसके स्थान पर किसी सुरक्षित और उपयुक्त स्थान पर कक्षाएं संचालित की जाएं। उन्होंने आगे बताया कि वरदली प्राथमिक शाला की भौतिक स्थिति की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है, और जल्द ही इस समस्या के समाधान के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

शाला के बच्चों को अब तक नहीं मिली पाठ्यपुस्तकें भी

CG News: पालकों ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां एक ओर शिक्षक वातानुकूलित कमरों में बैठकर सेवाएं दे रहे हैं, वहीं गरीब आदिवासी बच्चों को खुले आसमान के नीचे शिक्षा लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी कभी स्कूलों का निरीक्षण तक नहीं करते, यही वजह है कि स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है।

बताया गया कि शिक्षा सत्र शुरू हुए एक महीना बीत चुका है, लेकिन वरदली शाला के बच्चों को अब तक पाठ्यपुस्तकें भी नहीं मिली हैं। इस संकट की घड़ी में भी बच्चों और उनके अभिभावकों का शिक्षा के प्रति समर्पण देखते ही बनता है। छत न होने पर भी टीन की चादर ओढ़कर बैठना, यह बताता है कि ये बच्चे हालात से नहीं हारते बल्कि उन्हें बदलने का माद्दा रखते हैं।

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Updated on:
22 Jul 2025 12:51 pm
Published on:
22 Jul 2025 12:50 pm
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