राजस्थान के दौसा जिले में श्मशान के रास्ते पर विवाद के चलते शव रखकर प्रदर्शन करना परिजनों को भारी पड़ गया।
दौसा। राजस्थान के दौसा जिले में श्मशान के रास्ते पर विवाद के चलते शव रखकर प्रदर्शन करना परिजनों को भारी पड़ गया। शव रखकर 22 घंटे तक धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ सिकराय एसडीएम ने सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल, ग्राम पंचायत डोलिका के पीलवा खुर्द गांव की छोकल्या ढाणी में 22 घंटे तक शव रखकर परिजनों ने श्मशान घाट में रास्ते की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया। दो पक्षों में तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तैनात रहा। शनिवार सुबह सैनी समाज के जिलाध्यक्ष रघुनाथ सैनी व भाजपा मण्डल अध्यक्ष धारासिंह बासड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों व प्रशासन ने मशक्कत के बाद समझौता कराया। इसके बाद अंतिम संस्कार किया गया।
सिलिकोसिस से मुन्नालाल सैनी पुत्र कल्याण की शुक्रवार को मौत हो गई थी। श्मशान का रास्ता नहीं होने के कारण परिजन शव को लेकर रास्ते में बैठ गए। रातभर मौके पर जमे रहे। विवाद बढ़ने पर शनिवार को जमीन का सीमाज्ञान कराने, जमीन के बदले जमीन देकर रास्ता देने, दोनों पक्षों के जमीन सम्बंधित वाद-विवाद सहमति से वापसी लेने आदि पर सहमति होने के बाद अंतिम संस्कार किया।
शव रखकर धरना-प्रदर्शन करने वाले लोगों के खिलाफ उपखंड अधिकारी सिकराय डॉ. नवनीत कुमार ने राजस्थान मृत शरीर का सम्मान अधिनियम के तहत सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस रिपोर्ट में बताया कि रास्ते का विवाद प्रकरण उपखंड न्यायालय सिकराय में चल रहा है, जो न्यायिक प्रक्रियाधीन है। इस प्रकरण को लेकर पीलवा गांव के कुछ लोगों ने मृतक के शरीर के आड़ में धरना प्रदर्शन किया व प्रशासन पर दबाव बनाया, जो गैर कानूनी है। ऐसे में मृतक के परिवारजन बाबूलाल, रामखिलाड़ी, दिगंबर, बुद्धप्रकाश, छाजूराम, विजेंदर सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।