CG News: धमतरी जिले में एलपीजी घरेलू गैस कनेक्शन में दुर्घटओं को रोकने तथा फर्जी कनेक्शन पर अंकुश लगाने के लिए पेट्रोलियम कंपनियों ने सेटी जांच और ई-केवायसी को अनिवार्य कर दिया है।
CG News: छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एलपीजी घरेलू गैस कनेक्शन में दुर्घटओं को रोकने तथा फर्जी कनेक्शन पर अंकुश लगाने के लिए पेट्रोलियम कंपनियों ने सेटी जांच और ई-केवायसी को अनिवार्य कर दिया है। ई-केवायसी नहीं कराने पर अब उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडर रिफलिंग कराने में भी दिक्कत हो सकती है। अब गैस एजेंसियों द्वारा जनजागरूकता अभियान चलाकर उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी दी जा रही है।
खाद्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार धमतरी जिले में 14 गैस एजेंसियां है। इन एजेंसियों में करीब 2.40 लाख गैस कनेक्शन उपभोक्ता हैं। इनमें से प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस फेज-1 और फेज-2 को मिलाकर करीब 1 लाख 28 हजार 643 उपभोक्ता है। पूर्व में ईकेवायसी के लिए वार्ड सहित ग्रामीण स्तर पर शिविर भी लगाया गया। इसके बाद भी सिर्फ 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ही सेटी जांच के साथ ही ई-केवायसी को अपडेट कराया है।
वर्तमान में पेट्रोलियम कंपनियों द्वारा बोगस कनेक्शनों को लॉक करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब तक 10 फीसदी बोगस कनेक्शन लॉक किए गए हैं। ऐसे में ई-केवायसी नहीं कराने पर भविष्य में उपभोक्ताओं को सिलेंडर रिफलिंग कराने में दिक्कत हो सकती है। गैस एजेंसी संचालक मोहन अग्रवाल ने बताया कि हमारे यहां करीब 1600 से अधिक उपभोक्ता है। उज्वला गैस और सामान्य गैस कनेक्शनधारी करीब 80 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने ई-केवायसी कराया है।
वहीं सेटी जांच सिर्फ 25 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने कराया है। सेटी जांच का उददे्श्य उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करना है। कई बार कटे-फटे पाइप होने से गैस लीकेज होने की संभावना रहती है। इससे बड़ी दुर्घटना भी हो सकती है इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर सेटी जांच कराना अनिवार्य है। इसी तरह ई-केवायसी कराना भी जरूरी है। ई-केवायसी नहीं कराने पर भविष्य में परेशानी हो सकती है। सभी उपभोक्ताओं से जल्द से जल्द ई-केवायसी कराने अपील भी कर रहे हैं। अब सब्सिडी के लिए भी केवायसी जरूरी है।
पूर्व में गैस सिलेंडर रिफलिंग कराने के लिए संबंधित गैस एजेंसियों में कॉल करने पर यह आसानी से बुक हो जाती थी, लेकिन अब इसका भी वेरिफिकेशन किया जा रहा है। ऑनलाइन बुकिंग कराने के बाद उपभोक्ताओं को उनके रजिर्स्ड मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड जनरेट होता है।
मौके पर सर्विस देने पहुंचे डिलीवरी ब्वाय को यह ओटीपी शेयर करना पड़ रहा है। इसके बाद ही सिलेंडर मिल पा रही। बताया गया कि यह वेरिफिकेशन की ही एक प्रक्रिया है इसलिए मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड कराना भी अनिवार्य हो गया है। लोग अब स्वयं से मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड कराने पहुंच रहे हैं।