Winter Diet for Diabetes: डायबिटीज रोगियों को अब सर्दियों में कम्फर्ट फूड पूरी तरह से छोड़ने की जरूरत नहीं है। अपनी डाइट में ये 5 चीजें शामिल करके सर्दियों में अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकते हैं।
Winter Diet for Diabetes: जैसे-जैसे सर्दी का मौसम आता है, हमारी ज्यादा चीनी और कार्बोहाइड्रेट वाला कम्फर्ट फूड (Comfort Food) खाने की इच्छा बढ़ जाती है। वहीं डायबिटीज के मरीजों में इन आहार के सेवन से रक्त शर्करा (Blood Sugar) की समस्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है। ऐसे में पंजीकृत आहार विशेषज्ञ एंजेला गिन-मीडो कहती हैं कि डायबिटीज रोगी इनको पूरी तरह छोड़ने के बजाय कम मात्रा में लेकर या फिर कम वसा वाले विकल्पों को अपनाकर इन्हें खाने से होने वाले खतरे को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में उपलब्ध 5 ऐसे सुपरफूड्स जो ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने में सहायता करते हैं।
सर्दियां शुरू होते ही कॉफी का सेवन बढ़ जाता है। कद्दू मसाला शामिल मीठे पेय पदार्थों में औसतन 52 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 390 कैलोरी होती है। शोध बताते हैं कि केवल 120 मिलीग्राम दालचीनी उपवास के दौरान टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में ग्लूकोज और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करती है। सर्दियों में ज्यादा मीठी, कैलोरी भरी कॉफी पीने से अच्छा है, अपनी कॉफी में दालचीनी डालें। यह स्वाद बढ़ाने के साथ ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करती है, जो दिल के लिए भी अच्छी है।
ब्रसेल्स स्प्राउट्स छोटी-छोटी गोभियां होती हैं जो शुगर को कंट्रोल में रखती हैं। इनमें फाइबर पर्याप्त मात्रा में होता है। इनको भूनकर साइड डिश बनाकर खाने से आपको एनर्जी भी मिलेगी और शुगर भी कंट्रोल में रहेगा।
जिकामा में आलू की तुलना में लगभग आधी कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट होते हैं। 1 कप कच्चे जिकामा में सिर्फ 11.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 6 ग्राम फाइबर होता है। इसे चिप्स या सलाद के रूप में खाया जा सकता है।
1/3 कप कद्दू के बीज में केवल 4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 13 ग्राम वसा होती है। चिप्स खाने का मन करे तो कद्दू के बीजों को भूनकर खाएं, यह आपके ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देंगे।
इनको सफेद राजमा भी कहते हैं। ये फाइबर से भरे होते हैं और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में एक्सपर्ट हैं। प्रति आधा कप कैनेलिनी बीन्स में 7 ग्राम फाइबर होता है। इसे मिर्च या गरमागरम सूप में मिलाकर खाया जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।