Dungarpur : डूंगरपुर में सरकारी अस्पताल से मिलने वाली दवाओं को सड़क किनारे फेंका जा रहा है। अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आ रही है। क्यों?
Dungarpur : डूंगरपुर में सरकारी अस्पताल से मिलने वाली दवाओं को सड़क किनारे फेंका जा रहा है। शहर के पातेला जलाशय के पास गैस और शुगर जैसी बीमारियों की दवाएं, इंजेक्शन और अन्य चिकित्सा सामग्री मिली है। फेंकी गई दवाओं में कुछ ब्रांडेड दवाएं भी शामिल हैं, जिससे अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आ रही है। फेंकी गई सामग्री में सिर्फ दवाएं ही नहीं, बल्कि ब्लड शुगर नापने वाली मशीन की स्ट्रिप्स और खांसी की सिरप भी शामिल है। यह सामग्री पिछले 4-5 दिनों से सड़क पर पड़ी है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ गया है।
डूंगरपुर में जिला अस्पताल में भी बायोवेस्ट के निस्तारण का तरीका सही नहीं है। अस्पताल के पीछे ही बायोवेस्ट को खुले में जलाया जाता है, जिससे निकलने वाला जहरीला धुआं मरीजों और उनके परिजनों के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, इस कचरे को खुले ट्रैक्टर में ले जाया जाता है, जिससे यह सड़क पर भी गिर सकता है।
दवाओं और बायोवेस्ट को इस तरह खुले में फेंकना नियमों का उल्लंघन है। दवाओं का सही निस्तारण कचरा पात्र में होना चाहिए, न कि खुले में। अगर सरकारी कर्मचारी ऐसी लापरवाही करते पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
फेंकी गई ज्यादातर दवाएं ब्रांडेड हैं और कुछ ही सरकारी दवाएं हैं। इस मामले की जांच करवाकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
डॉ विपिन मीणा कार्यवाहक सीएमएचओ डूंगरपुर