डूंगरपुर

Dungarpur : सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं देने पर ग्रामीण नाराज, आंदोलन की चेतावनी

Dungarpur : राजस्थान सरकार द्वारा पंचायत समिति पुनर्गठन के आदेश में सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं दिए जाने पर ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जताते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

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सरोदा. विरोध-प्रदर्शन करते लोग। फोटो पत्रिका

Dungarpur : राजस्थान सरकार द्वारा पंचायत समिति पुनर्गठन के आदेश में सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं दिए जाने पर ग्रामीणों ने विरोध के स्वर मुखर कर दिए हैं। सरोदा बस स्टैंड पर रविवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों व क्षेत्र की 20 पंचायतों के लोगों ने प्रदर्शन किया। टायर जलाकर व मानव श्रृंखला बनाते हुए सरकार को पुनर्विचार करने की मांग की। साथ ही जल्द ही संशोधित सूचियां जारी नहीं की जाती है, तो आंदोलन की चेतावनी दी।

ग्रामीणों ने कहा कि जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, दूरी, संसाधन और सर्वांगीण विकास की दृष्टि से सरोदा पूर्ण रूप से पंचायत समिति बनने के योग्य है। इसके बावजूद सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं देना सरोदा के साथ अन्याय है।

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सरोदा में हुए आंदोलन में ब्लॉक कांग्रेस संगठन महासचिव प्रवीण पंड्या, पूर्व महामत्री किशोर भट्ट, सरोदा मंडल सचिव भूपेश भट्ट, रवीन्द्र सिंह, सरपंच पन्नालाल डोडियार, समाजसेवी नरेंद्र जैन, निर्मल कोठारी, भाजपा उपाध्यक्ष हितेश रावल, मंडल उपाध्यक्ष मोहनलाल पाटीदार, पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा भारतेंदु व्यास आदि ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए चुनावों में खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी।

आज से बंद का आह्वान

पंचायत समिति का दर्जा नहीं दिए जाने के विरोध में सरोदा क्षेत्र की समस्त ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि सोमवार से सरोदा का संपूर्ण बाजार बंद रहेगा। वहीं, सोमवार को जिला कलक्टर, एसडीएम, भाजपा जिलाध्यक्ष व विधायक सागवाड़ा को ज्ञापन दिए जाएंगे।

‘नजर अंदाज करना पड़ेगा महंगा’

ग्रामीणों ने कहा कि सरोदा को नजर अंदाज करना सरकार को भारी पड़ सकता है। यदि सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं मिला, तो आने वाले समय में बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।

पदाधिकारियों ने सौंपे इस्तीफे

क्षेत्र के नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने जिला उपाध्यक्ष हितेश रावल को हाथों-हाथ त्यागपत्र सौंपे। उन्होंने कहा कि जब तक सरोदा को पंचायत समिति का दर्जा नहीं मिलता तब तक वह क्षेत्र में भाजपा का काम नहीं करेंगे। पन्ना प्रमुख से लेकर जिला के पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा सौंपा।

ओबरी की भी आस रही अधूरी

ओबरी. पंचायत समिति पुनर्गठन में ओबरी क्षेत्र की आस भी अधूरी ही रही। ओबरी को कई दशकों से पंचायत समिति बनाने की मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। पर, ओबरी के साथ छलावा हो गया है। इससे क्षेत्रीय लोगों में विरोध के स्वर मुखर हो गए हैं। उनका कहना है कि भाजपा को जिले का एकमात्र विधायक सागवाड़ा से मिला है और उनका ही गृहक्षेत्र उपेक्षित रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि गत दो बार के पंचायती राज पुनर्गठन में जिला कलक्टर ने ओबरी को पंचायत समिति के रूप में प्रस्तावित किया था। पर, सरकार ने अनदेखी की है। जबकि, यह क्षेत्र 20 वर्षों से यह मांग कर रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत समिति के तय करने के मापदण्ड़ों पर ओबरी खरा उतरता है। ऐसे में सरकार जल्द ही निर्णय ले तथा ग्रामीणों को राहत प्रदान करें।

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Published on:
24 Nov 2025 02:34 pm
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