डूंगरपुर

Rajasthan: शिक्षा विभाग ने सेंट पॉल स्कूल को दिया तगड़ा झटका, 9वीं-10वीं में नए प्रवेश पर रोक, निरस्त हो सकती है मान्यता

डूंगरपुर में सेंट पॉल स्कूल पर शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। जांच में गड़बड़ियां और धर्म विशेष की आस्था फैलाने के आरोप सामने आने के बाद 9वीं और 10वीं में नए प्रवेश पर रोक लगाई गई है।

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16 सितंबर को स्कूल में हुआ हंगामा। फाइल फोटो- पत्रिका

डूंगरपुर। जिला मुख्यालय पर पातेला क्षेत्र में संचालित सेंट पॉल स्कूल के खिलाफ शिक्षा विभाग ने बड़ा एक्शन लिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने निजी स्कूल एवं हॉस्टल संचालन में व्यापक गड़बड़ियां सामने आने के बाद शैक्षिक सत्र 2026-27 से स्कूल में कक्षा नौवीं और दसवीं में नए प्रवेश पर रोक लगा दी है।

इन दो कक्षाओं के साथ ही अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को भी निकट के विद्यालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश जारी होते ही विद्यालय प्रबंधन से जुड़े संचालकों में हड़कंप मच गया है। जांच रिपोर्ट में धर्म विशेष के प्रति झुकाव की बात भी इंगित की गई है।

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यह है मामला

गत 16 सितंबर को जिला प्रशासन के निर्देश पर चिकित्सा, शिक्षा एवं प्रशासन की संयुक्त टीम ने पातेला में संचालित सेंट पॉल विद्यालय का निरीक्षण किया था। इस दौरान यहां व्यापक गड़बड़ियां मिली थीं। विद्यालय परिसर में ही संचालित हॉस्टल में गंदगी के साथ ही आटे में चूहे घूमते मिले।

यहां वायरिंग खुली हुई थी। साथ ही आठ से अधिक बच्चे बीमार थे। इस पर टीम ने बच्चों को तुरंत जिला अस्पताल में उपचार के लिए भेजा। इसके बाद यहां कई संगठनों ने जमकर हंगामा करते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

धर्म विशेष की आस्था उत्पन्न करने का प्रयास

प्रारंभिक निरीक्षण के बाद शिक्षामंत्री के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से भी टीम पहुंची थी। इसके बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के स्तर पर भी जांच हुई। सामने आया कि शिक्षकों को फादर, मदर, सिस्टर बोला जाना धर्म विशेष के प्रति आस्था दर्शाता है। साथ ही बच्चों में धर्म विशेष ईसाई धर्म में आस्था उत्पन्न करने का प्रयास करना प्रतीत हुआ। सर्वधर्म समभाव का अभाव पाया गया।

जांच रिपोर्ट : ये भी मिली खामियां

  • शिक्षकों की नियुक्ति में विभागीय प्रतिनिधि की मौजूदगी नहीं।
  • वास्तविक नामांकन 528 था, जबकि पीएसपी पोर्टल पर 392 ही पाया गया।
  • रोकड़ पंजिका में 80 से अधिक बार कैश डिपॉजिट पाया गया, जो संदेहास्पद है।
  • विद्यालय परिसर में नियम विरुद्ध छात्रावास संचालन।
  • गैर सरकारी विद्यालय का संचालन अनिवार्य मान्यता के मानकों के अनुरूप नहीं मिला।
  • शौचालयों में नियमित सफाई का अभाव।
  • एनसीईआरटी संबंधित पाठ्यक्रम की पालना नहीं की गई।

आदेश मिला है, कार्रवाई करेंगे

जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। कार्रवाई की जाएगी। नए सत्र में नौवीं एवं दसवीं के प्रवेश पर रोक के साथ ही फिलहाल अध्ययनरत विद्यार्थियों को अन्य विद्यालयों में भेजा जाएगा। मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई भी प्रक्रियाधीन है।

  • आरएल डामोर, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, डूंगरपुर

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