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Mayawati Education: IAS अफसर बनने का सपना छोड़ा, राजनीति की धाकड़ नेता मायावती कितनी हैं पढ़ी-लिखी

Mayawati Educational Background: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती भारतीय राजनीति की महिला नेताओं में से हैं जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष के दम पर राजनीति में एक अलग पहचान बनाई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मायावती का बचपन का सपना IAS अधिकारी बनने का था? आइए जानते हैं उनकी शिक्षा और करियर से जुड़ी पूरी कहानी।

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Oct 10, 2025
बसपा ने आगामी चुनावों से पहले संगठन में बड़ा बदलाव किया है। (Image Source: @mayawati_bsp)

Mayawati Educational Background: मयावती को कौन नहीं जानता है। मायावती भारतीय सियासत का एक बड़ा चेहरा हैं साथ ही बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। मयावती का नाम उन महिलाओं में आता है जो अपने बेबाक स्वाभाव के लिए राजनीति में जानी जाती हैं। मयावती एक कद्दावर नेता हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो IAS अधिकारी बनना चाहती थीं? चलिए उनकी पढ़ाई के बारे में कुछ विशेष बातें जानते हैं।

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कितनी पढ़ी-लिखी हैं मायावती

मयावती ने अपने राजनीतिक जीवन में कदम रखने से पहले वकालत की पढ़ाई की थी। मायावती पढ़ाई-लिखाई में बचपन से ही तेज थीं और वो IAS अधिकारी बनना चाहती थीं। मायावती का जन्म 15 जनवरी, 1956 को दिल्ली में हुआ। लेकिन, उन्होंने अपने जीवन का ज्यादा समय उत्तर प्रदेश में बिताया। मायावती ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज से साल 1975 में अपना ग्रेजुएशन करने के बाद इसी कॉलेज से 1983 में एलएलबी किया और बाद में बीएड भी किया। इसके बाद मायावती दिल्ली के ही एक स्कूल में शिक्षिका की नौकरी करने लगीं। साथ ही साथ मायावती आईएएस की तैयारी भी करने लगीं।

4 बार बनीं यूपी की मुख्यमंत्री

बसपा सुप्रीमो मायावती 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। मायावती अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही दलित और पिछड़ों की आवाज बनीं और उनके हित में काम करने की ठानी।

राजनीति में कब रखा कदम

1977 के दौरान जब आपातकाल खत्म हो चुका था तब उसी वक्त राजनारायण जो उस वक्त राजनीति में काफी चर्चित नाम थे वह दिल्ली में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। राजनारायण मंच से बार-बार हरिजन शब्द का प्रयोग कर रहे थे और तभी मायावती मंच पर बोलने आईं और उन्होंने राजनारायण को हरिजन शब्द का उपयोग करने पर खूब कोसा। मायावती के भाषण से दलितों के नेता काशीराम और अन्य मौजूद लोग बेहद प्रभावित हुए। इसके बाद काशीराम ने मायावती से राजनीति में आने को कहा और सोच विचार के बाद उन्होंने अपना सपना छोड़ राजनीति की ओर अपना कदम बढ़ाया।

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