Sheikh Hasina: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों में फांसी की सजा सुनाई गई है। जानिए उनकी शिक्षा, राजनीतिक सफर और मौजूदा स्थिति के बारे में।
Sheikh Hasina Education Background: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराधों (Crimes Against Humanity) के मामले में देश की अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल (ICT-BD) ने मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला हसीना की गैरमौजूदगी में सुनाया गया, क्योंकि वह अदालत में पेश नहीं हुईं। हाल के छात्र आंदोलनों, विरोध प्रदर्शनों और उनकी सरकार गिरने के बाद आया यह निर्णय बांग्लादेश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।
अब जब यह मामला अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में है तो लोग जानना चाह रहे हैं शेख हसीना कौन हैं, कितनी पढ़ी-लिखी हैं और उनकी जिंदगी से जुड़ी दिलचस्प बातें क्या हैं? तो चलिए इस आर्टिकल में जानते हैं।
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को बांग्लादेश के तुंगीपारा में हुआ। वह बांग्लादेश के राष्ट्रपिता और पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं। हसीना का बचपन राजनीतिक हलचल और अस्थिरता के दौर में बीता। उन्होंने कई बार इंटरव्यू में बताया है कि पिता की राजनीति के कारण उनका जीवन लगातार खतरों से घिरा रहा है।
शेख हसीना की शिक्षा मजबूत रही है और वे बांग्लादेश की सबसे शिक्षित और अनुभवी नेताओं में मानी जाती हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव तुंगीपारा में हुई। परिवार के ढाका आने के बाद उन्होंने अजीमपुर गर्ल्स स्कूल और फिर बेगम बदरुन्नसा गर्ल्स कॉलेज में अपनी स्कूली और इंटरमीडिएट शिक्षा पूरी की।
इसके बाद हसीना ने ढाका के प्रसिद्ध ईडेन मोहिला कॉलेज में ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू की, जहां उन्हें 1966-67 में छात्र संघ की उपाध्यक्ष चुना गया। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने ढाका यूनिवर्सिटी में बंगाली साहित्य का अध्ययन किया और 1973 में वहीं से बीए की डिग्री प्राप्त की। उनकी औपचारिक शिक्षा, छात्र राजनीति में सक्रियता और विश्वविद्यालय का माहौल इन सभी ने मिलकर उनके राजनीतिक करियर की मजबूत नींव रखी।
हसीना चार बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रही हैं। इसमें 1996-2001, 2009-2014, 2014-2019 और 2019-2024 इनका कार्यकाल रहा है।
उनके कार्यकाल की खास बातें: अपने लंबे कार्यकाल में शेख हसीना ने कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने भारत के साथ 30 साल के गंगा जल बंटवारा समझौते पर हस्ताक्षर किए और महिला शिक्षा व सशक्तिकरण पर खास ध्यान दिया। इसी अवधि में युद्ध अपराधियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल भी बनाया गया। हालांकि, विपक्ष पर कार्रवाई और चुनावी विवादों को लेकर उनका शासन अक्सर आलोचनाओं में रहा। अंततः बढ़ते छात्र प्रदर्शनों और देशभर में तेज हुए विरोध के बीच उन्होंने 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
बांग्लादेश की एक विशेष अदालत (ICT-BD) ने उन्हें मानवता के खिलाफ अपराधों के मामलों में दोषी पाया है। अदालत ने उनके कार्यकाल के दौरान विरोध प्रदर्शनों और कथित दमन से जुड़े मामलों पर यह फैसला सुनाया है। यह सजा भविष्य में कानूनी प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया का विषय बनी रहेगी।
शेख हसीना इस समय भारत में शरण लिए हुए हैं और दिल्ली के एक सुरक्षित स्थान पर रह रही हैं। 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में तेज होते विरोध और छात्र आंदोलनों के बीच उन्होंने देश छोड़ दिया था, जिसके बाद भारत ने उन्हें मानवीय आधार पर आश्रय दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वे लुटियंस जोन के एक हाई-सिक्योरिटी आवास में हैं, जहां उनकी सुरक्षा का खास प्रबंध है। बांग्लादेश ने उनकी वापसी की मांग की है, लेकिन भारत ने इस पर अब तक कोई स्पष्ट रुख नहीं लिया है। मौजूदा राजनीतिक हालात और कानूनी प्रक्रिया को देखते हुए उनकी वापसी पर अनिश्चितता बनी हुई है।