UPSC New Guidelines: देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने दस्तावेजों की जालसाजी और फर्जी प्रमाणपत्रों से जुड़े मामलों को रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। अब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया और अधिक सख्त और डिजिटल होगी।
UPSC Document Verification Rules: परीक्षाओं में धोखाधड़ी और फर्जी प्रमाण पत्रों की चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के अध्यक्ष अजय कुमार ने बुधवार को कहा कि भर्ती निकाय उम्मीदवारों के प्रमाण पत्रों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए उन्हें डिजिलॉकर के माध्यम से स्वीकार करना शुरू करेगा। बुधवार को आयोग द्वारा अपने शताब्दी समारोह में कुमार ने दूरदर्शन द्वारा प्रसारित एक वर्चुअल टाउन हॉल को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने ईमेल के माध्यम से भेजे गए और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए उम्मीदवारों के प्रश्नों के उत्तर दिए।
परीक्षाओं में नकल और पूर्व आईएएस प्रशिक्षु पूजा खेडकर, जिन पर सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में बैठने के लिए विकलांगता और ओबीसी प्रमाणपत्रों का दुरुपयोग करने का आरोप है, मामले में प्रश्न पूछा गया। कुमार ने बताया कि, हम नकल को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि परीक्षा में नकल करते पकड़े जानें पर उम्मीदवारों को कम से कम तीन साल के लिए निलंबित किया गया और आपराधिक धोखाधड़ी के मामले में कानूनी कार्रवाई भी की गई।
फर्जी प्रमाणपत्रों के मुद्दे पर, कुमार ने कहा कि यूपीएससी जल्द ही सरकार के क्लाउड-आधारित दस्तावेज भंडारण और सत्यापन प्लेटफॉर्म, डिजिलॉकर के माध्यम से प्रमाणपत्र लेना शुरू करेगा। विभिन्न श्रेणियों में आरक्षण प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी जाति, मानक विकलांगता और आय सहित कई प्रकार के प्रमाणपत्र जमा करते हैं।
सिविल सेवा परीक्षा 2022 में चयनित पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने नौ प्रयास पूरे होने के बावजूद परीक्षा दी। कथित तौर पर वह ऐसा इसलिए कर पाईं क्योंकि उन्होंने अपना और अपने माता-पिता का नाम बदलकर एक अलग उम्मीदवार के रूप में परीक्षा दी थी। यूपीएससी ने 2024 में 2022 सिविल सेवा परीक्षा के लिए उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी थी और भविष्य में उन्हें परीक्षा देने से रोक दिया था।