Etawah News इटावा में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि आरक्षण खत्म करने की साजिश रची जा रही है।
Etawah News इटावा में पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के सांसद, विधायक, पदाधिकारी, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादियों के लिए संविधान संजीवनी हैं। हमें इसकी रक्षा करनी है। संविधान की रक्षा के लिए नेताजी के बताएं रास्ते पर चलने का संकल्प लेने को कहा।
उत्तर प्रदेश के इटावा के सैफई में अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार संविधान को खत्म करने की साजिश कर रही है। इसके लिए वह तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है। इसके लिए हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हम सब पीडीए एक हैं और इसके सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे। नेताजी ने अपना जीवन भर दबे, पिछड़े, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक मुसलमानों के लिए संघर्ष किया है। उनको सम्मान दिलाने के लिए हर मौके पर संघर्ष किया।
अखिलेश यादव ने कहा कि यही कारण है कि आज समाज में सम्मान और बदलाव दिखाई पड़ रहा है। किसानों, अल्पसंख्यक मुसलमानों, दलितों ने मुख्य रूप से समाजवाद और सेकुलरिज्म को मजबूत बनाने का काम किया है। हम सब मिलकर पीडीए की सरकार बनाएंगे और पीडीए समाज को उनका हक और सम्मान भी दिलाएंगे। साजिश रच कर आरक्षण को खत्म किया जा रहा है। इसके लिए सरकार कोई ना कोई रास्ता निकल रही है। षड्यंत्र करके आरक्षण छीनना चाहती है।
सांसद रामगोपाल यादव ने कहा कि जो लोग दिल्ली का रास्ता नहीं जानते थे। नेताजी ने उन्हें सांसद बना दिया और जो लखनऊ नहीं जानते थे उन्हें विधायक बनकर लखनऊ भेज दिया। हिंदुस्तान के इतिहास में कभी भी इतना अत्याचार नहीं हुआ है। जितना आज हो रहा है। 2027 में यूपी की सरकार और 2019 में दिल्ली की सरकार चली जाएगी। मुलायम सिंह की तीसरी पुण्यतिथि पर अखिलेश यादव के अतिरिक्त रामगोपाल यादव रामजीलाल सुमन शिवपाल सिंह डिंपल धर्मेंद्र यादव आदि मौजूद थे
मुलायम सिंह यादव जसवंत नगर से पहली बार विधायक बने थे। उस समय उनकी उम्र 28 साल की थी। पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह यादव 5 दिसंबर 1989 को पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। केंद्र में प्रधानमंत्री देवगोड़ा और गुजराल के कार्यकाल में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया था। 10 अक्टूबर 2022 को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। इसके पहले सात बार लोकसभा और नौ बार विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके थे।