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Vegetable sellers : बाजार को व्यवस्थित करने की योजना 6 साल से फाइलों में

जाम से मुक्ति दिलाने व बाजार को व्यवस्थित करने की योजना बीते लगभग 6 साल से नगर पालिका की फाइल में कैद है।

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जाम से मुक्ति दिलाने व बाजार को व्यवस्थित करने की योजना बीते लगभग 6 साल से नगर पालिका की फाइल में कैद है।

बुधवार व रविवार शाम को लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने व बाजार को व्यवस्थित करने की योजना बीते लगभग 6 साल से नगर पालिका की फाइल में कैद है। दो माह पहले भी एसडीएम व नगर पालिका अध्यक्ष सहित नगर पालिका सीएमओ ने बकायदा बाजार का निरीक्षण किया था लेकिन बाजार को व्यवस्थित करने कोई पहल अब तक शुरू नहीं की गई। दरअसल बुधवार व रविवार को जिला मुख्यालय के बुधवारी बाजार स्थित सदर रोड में जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे लोग परेशान होते हैं लेकिन बाजार को व्यवस्थित करने की योजना सिर्फ कागजों तक ही सिमटी हुई है। इस बुधवार की शाम भी सदर मार्ग में जाम की स्थिति निर्मित हो गई थी। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर बाजार का व्यवस्थापन कब होगा।

40 से अधिक गांव के लोग आते हैं खरीददारी करने

बुधवार और रविवार दोनों दिन शहर के अलावा 40 से ज्यादा गांव के लोग खरीदारी करने बालोद पहुंचते हैं। बाजार की सड़क संकरी है। इस वजह से जाम की स्थिति बन ही जाती है। यहां व्यवस्था सुधारने यातायात विभाग के जवान तैनात रहते हैं लेकिन भीड़ के आगे जवान भी बेबस नजर आते हैं। दरअसल बाजार व्यवस्थापन की योजना विगत 6-7 वर्षो से चली आ रही है लेकिन ये सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया है। इस वजह से लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। पसरा लगाने चबूतरा बना है लेकिन व्यापारी जमीन का उपयोग कर रहे हैं।

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17 साल पुराने चबूतरे को तोड़कर व्यवस्थापन करने की बनाई थी योजना

हाल ही में दो माह पहले एसडीएम नूतन कंवर व नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी सहित पार्षदों ने बकायदा लगभग एक घंटे तक बाजार का निरीक्षण किया था। चौधरी ने बताया कि बाजार पसरा का उपयोग नहीं हो रहा है। उसे तोड़ा जाएगा और तोड़कर नए सिरे से व्यवस्थित किया जाएगा ताकि बाजार को व्यवस्थापन किया जा सके।

बाजार के चबूतरों पर मवेशियों का डेरा

नगर पालिका का उद्देश्य है कि सड़क की बजाय बजार पसरा में सब्जी बेचें लेकिन व्यवस्था बन नहीं रही है। सड़क पर पसरा लगाने की वजह से बाजार के दिनों में मोटर साइकिल तक लाना ले जाना नहीं हो पाता। सड़कें जाम हो जाती हैं। 70 लाख से बनाए गए चबूतरों को नगर पालिका ने भी अपने हाल पर छोड़ दिया है। अब ये मवेशियों, साइकिल रखने व होटल खोलने का काम आ रहा है।

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पहले बनी प्लानिंग फेल, अब नए सिरे से व्यवस्थापन की तैयारी कर रही पालिका

शहर में सब्जी मंडी, बाजार व्यवस्थापन कराने की योजना 2019 से बनी है लेकिन अब तक इसमें नगर पालिका, राजस्व विभाग, जिला प्रशासन नाकाम साबित हो रहे हैं। वहीं पालिका की बजट में बाजार व्यवस्थापन तो शामिल है लेकिन काम कब शुरू होगा यह तय नहीं है। क्योंकि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल में भी बाजार को व्यवस्थापन कराने की योजना बनी थी और बजट में भी शामिल था लेकिन बाजार का व्यवस्थापन नहीं हो सका।

पूर्व में इस तरह की बनी थी योजना

पूर्व में नगर पालिका की ओर से बजट में शामिल कर नए सिरे से व्यवस्थापन की प्लानिंग बनी। हालांकि प्लानिंग अनुसार क्या-क्या होगा। इस संबंध में कोई नहीं बता पा रहा है। पहले लोगों को जाम से राहत दिलाने सदर रोड, बुधवारी बाजार की तस्वीर को बदलने नगर पालिका की ओर से कुंदरुपारा मैदान के आसपास सब्जी मंडी, मछली मार्केट व्यवस्थापित करने की तैयारी चल रही थी। कोरोनाकाल में कुछ दिन के लिए चिन्हांकित स्थल में बाजार भी लगी लेकिन नुकसान व दूरी का हवाला देकर व्यापारियों ने शहर के अंदर जमीन में पसरा लगाना शुरू कर दिया।

पालिका अध्यक्ष ने कहा, सुधारी जाएगी बाजार की व्यवस्था

नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी ने कहा कि बाजार को व्यवस्थित करने नगर पालिका प्राथमिकता से काम कर रही है। बाजार व्यवस्था सुधारी जाएगी। इसकी तैयारी भी चल रही है। वहीं पुराने बाजार पसरा को तोडऩे एसडी एम को भी पत्र लिखा गया है।

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