Jyeshtha start date ज्येष्ठ का महीना हिंदू पंचांग का तीसरा महीना है। 24 मई से शुरू हो रहे इस महीने में कई बड़े व्रत त्योहार पड़ते हैं। इसी के साथ इस महीने भीषण गर्मी पड़ती है। इसलिए जल का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए हमारे ऋषि मुनियों ने इस महीने में कौन से काम करने चाहिए और कौन से काम नहीं करने चाहिए ये बताए हैं। आइये जानते हैं ज्येष्ठ महीने में कौन से काम करें और कौन से काम न करें ...
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के बाद फाल्गुन महीने से गर्मी शुरू हो जाती है। लेकिन ज्येष्ठ या जेठ महीने में गर्मी का लेवल बढ़ जाता है। इसलिए जेठ में जल का महत्व बढ़ जाता है। इसीलिए इस महीने जल की पूजा, जल दान और जल बचाने का नियम है। इस महीने ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा दशहरा और ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी को निर्जला एकादशी व्रत का भी संबंध जल से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि गंगा दशहरा पर गंगा स्नान दस पाप से मुक्ति मिलती है, वहीं निर्जला एकादशी 24 एकादशी में सबसे शुभ और पवित्र है। इससे सभी एकादशी का फल प्राप्त होता है। इस तरह ऋषियों का संदेश नदी का पूजन और ईश्वर पूजन करने का है। ज्येष्ठ माह में दान करना पुण्य कार्य माना जाता है।