Shubh Muhurt: 14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ ही खरमास खत्म हो गया है। इसी के साथ मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट गई है। अब शुभ काम शुरू कर दिए जाएंगे। आइये जानते हैं गृह प्रवेश का पहला मुहूर्त कब है ...
Shubh Muhurt: धर्मशास्त्र के अनुसार जब दक्षिणायन से सूर्य उत्तरायणन होकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति मनाई जाती है। मंगलवार को सूर्यदेव धनु राशि छोड़ देंगे। इसके बाद ही पुण्य स्नान का महत्व है। यह संयोग पुण्य स्नान, दान के लिए विशेष माना गया है। इसलिए इस दिन महाकुंभ का पहला शाही स्नान है। इसके साथ ही पिछले एक महीने से बंद गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह जैसे मांगलिक कार्य भी प्रारंभ हो जाएंगे।
विद्वानों के अनुसार 15 दिसंबर से मकर संक्रांति तक खरमासकाल की वजह से शुभ कार्यों में रोक थी। अभी तक सूर्य धनु राशि में थे, परंतु अब उस राशि को बदलकर मकर राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। शंकराचार्य आश्रम के ज्योतिषी डॉ. इंदुभवानंद महाराज के अनुसार सूर्य के राशि परिवर्तन योग से देवताओं का दिन और दैत्यों की रात्रि प्रारंभ हो जाती है। यह स्थिति अगले छह महीने तक रहेगी। ज्योतिष दृष्टि में माघ की यह संक्रांति मांगलिक फल देने वाली है।
इस बार मकर संक्रांति पीले वस्त्र में माथे पर कुमकुम का लेपन कर शेर पर सवार हो कर आ रही है। पंडितों के अनुसार संक्रांति का शेर की सवारी वन्य जीवों के नुकसान का संकेत हैं। राजाओं यानी, सत्ता घोड़ा होने से महंगाई कम होने और उन्नति का मार्ग प्रशस्त्र होने का ज्योतिषीय संकेत हैं।
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स्नान करके सूर्यदेव को अर्घ्य देकर ध्यान, पूजन करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है। भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
मकर संक्रांति का पर्व हमें नदियों के संरक्षण का भी संदेश देता है। इसीलिए पुण्य स्नान का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन शाही स्नान के नाम है।
जरूरतमंदों की मदद का संदेश है। पुण्य स्नान के साथ ही तिल,अन्न और वस्त्र दान का विशेष महत्व है। दान करने से व्यक्ति की दुर्गति का क्षय होता है।
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ज्योतिषी डॉ. इंदुभवानंद के अनुसार नए घर में प्रवेश का पहला मुहूर्त 6 फरवरी को है। इसके साथ ही कुल 35 मुहूर्त इस बार गृह प्रवेश के बन रहे हैं। विवाह, उपनयन और मुंडन संस्कार के कुल 75 मुहूर्त है इस साल। पहला वैवाहिक मुहूर्त 16 जनवरी से प्रारंभ हो रहा है।