MP News: विशाल बांध परियोजना से किसानों का आक्रोश फूट पड़ा है। हाथों में तख्तियां-बैनर लिए किसानों ने रैली कर साफ कहा कि हमें विकास चाहिए लेकिन उजड़ना मंजूर नहीं।
farmers protest against dam construction: पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project) के तहत प्रस्तावित विशाल बांध अब किसानों के बीच बड़ा विवाद चन चुका है। बुधवार को गुना के बीनागंज में डूब क्षेत्र से प्रभावित माने जा रहे 60 से अधिक गांवों के किसानों का सैलाब उमड़ पड़ा। बड़ी संख्या में किसान हाथों में तख्तियां और बैनर लिए रैली की शक्ल में निकले और एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर साफ कहा कि हमे विकास चाहिए, उजड़ना नहीं है। क्योंकि कई गांवों की भूमि डूब में जाने का खतरा है। इससे किसानों के पास उपजाऊ भूमि नहीं बचेगी। हालांकि इस परियोजना के फायदे भी प्रशासन बता रहा है, दावा किया जा रहा है कि इससे गांवों में खुशहाली आएगी। (MP News)
ज्ञापन में किसानों ने बताया कि घाटाखेड़ी से राधेपुरा-चितौरा गांव तक लगभग 5 किलोमीटर लंबी लाइन खींचकर 30 मीटर ऊंचा बांध बनाने की योजना है। उनका दावा है कि इससे पांच ग्राम पंचायतें पूरी तरह डूब क्षेत्र में चली जाएंगी और 60 से अधिक गांवों की उपजाऊ, सिंचित जमीन पानी में समा जाएगी। किसानौ ने सवाल उठाया कि हमारी पुश्तैनी जमीन और घर उजाड़कर क्या विकास होगा? क्या यही न्याय है? किसानों ने यह भी कहा कि पहले इस योजना में कुंभराज-1 और कुंभराज 2 नाम से दो छोटे-छोटे स्टॉप बांध बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन बाद में राज्य शासन ने संशोधन कर इसे विशाल बांध का रूप दे दिया। किसानों के अनुसार, अगर सरकार वास्तव में विकास चाहती है तो छोटे-छोटे बांध भी बना सकती है, जिससे जलसंचय होगा और सिंचाई का फायदा भी मिलेगा, पर गांव उजड़ेंगे नहीं। (MP News)
दूसरी ओर प्रशासन किसानों की आशंकाओं को निराधार बता रहा है। अधिकारियों का कहना है कि परियोजना से गंभीर नुकसान नहीं होगा, बल्कि हजारों किसानों को सिचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। प्रशासन लगातार गांव-गांव जाकर जनजागृति अभियान चला रहा है। एसडीएम रवि मालवीय ने घाटाखेडी में जागरुकता शिविर लगवाया था, इसमें दावा किया है कि इस परियोजना से किसान तीन फसले ले सकेंगे। 400 से अधिक गांवों में सिंचाई और पेयजल की सुविधा मिलेगी। (MP News)
किसानों ने प्रशासन को आगाह किया कि अगर उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वह उम्र आंदोलन करने को विवश होंगे। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ जमीन का सवाल नहीं है बल्कि पीढ़ियों से जुड़ी भावनाओं का भी मामला है। रैली में क्षेत्र की पूर्व विधायक मगता मीणा, जनपद अध्यक्ष चंद्रमोहन मीणा, देवेंद्र सिंह मीणा, मनीष श्रीवास्तव समेत कई जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे, जिन्होंने किसानों की आवाज का समर्थन किया। (MP News)