MP High Court on Women Safety in MP: महिला सुरक्षा की एक याचिका पर हाईकोर्ट सख्त, महिला वकीलों से करवाया सार्वजनिक जगहों का निरीक्षण, तैयार करवाई सुरक्षा इंतजामों की रिपोर्ट, अब होगी सुनवाई
MP High Court on Women Safety in MP: महिला सुरक्षा को लेकर लाख दावे किए जा रहे हैं, दूसरी ओर अपराध की संख्या बढ़ती जा रही है। ग्वालियर में 2023 में नाबालिग के साथ बलात्कार, छेड़छाड़ के 1008 प्रकरण दर्ज हुए, जबकि 2024 में 1198 प्रकरण दर्ज हुए। महिला अपराध के पीछे सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता न होना बड़ा कारण है। महिलाएं, युवती व नाबालिगों के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर है। याचिका को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने महिला सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए 25 महिला अधिवक्ताओं को सुरक्षा के इंतजामों की पड़ताल के लिए भेजा।
महिला अधिवक्ताओं ने बाजार, पार्क, स्कूल, कॉलेज की जांच की। महिला सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम की हकीकत से न्यायालय को अवगत कराया। इस रिपोर्ट पर हाईकोर्ट में अब सुनवाई होनी है।
कमेटी की सदस्य दीपा चौहान से पत्रिका ने बात की। शहर में जो स्थिति देखी है, वह चिंतनीय है। स्टैंड, पार्क में उजाला नहीं है। लोग फुटपाथ पर शराब पीते हैं। शाम के समय बच्चियों के कोचिंग जाने का समय होता है, उस समय कमेंट करते हैं। उजाला नहीं होने से घटना कैमरे में कैद नहीं होती है और न चेहरे देख पाते हैं। सीसीटीवी कैमरे भी बंद रहते हैं। हालात बहुत की खराब हैं।
हुजरात कोतवाली: रात आठ बजे हुजरात कोतवाली का निरीक्षण किया गया। सड़क पर अंधेरा था। थाने पर सीसीटीवी कैमरे थे, उसके अलावा कहीं भी नहीं मिले। यहां महिलाओं ने बताया कि वह असुरक्षा का अहसास करती हैं।
माधौगंज: यहां भी रात साढ़े आठ बजे अंधेरा था। महिलाओं में असुरक्षा का भाव था। नई सड़क: इस सड़क पर मंदिर के पास ही शराब की दुकान है। इनके पास से बच्चे व महिलाएं बाजार जा रही थीं। शराब की दुकान से महिलाएं असुरक्षा का हसास कर रही थीं।
पाटनकर बाजार चौराहा: यहां पर एक पार्क है। पार्क के प्रवेश द्वार पर लोडिंग गाड़ियां खड़ी हो जाती हैं, जिससे पार्क में आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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ऑटो रिक्शा में जीपीएस लगने चाहिए।
सार्वजनिक वाहनों में पैनिक बटन होना चाहिए, जिससे कोई परेशानी हो तो मदद मांग सकें।
महिलाओं के लिए अलग से यात्री वाहनों का संचालन होना चाहिए।
शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।
पुलिस अधिकारी ईमानदारी से काम करें। किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए।
सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी।
आसपास पर्याप्त लाइटिंग होना चाहिए।
स्कूल कालेज के आसपास नशे की सामग्री की बिक्री बंद हो।
गली, मोहल्ले, चौराहों पर स्ट्रीट लाइट लगाई जाए। यदि खराब होती हैं तो 24 घंटे में बदल दी जाएं।
स्कूल, कॉलेज, कोचिंग के आसपास पुलिस की गश्त को बढ़़ाया जाए।