Breast Cancer: आज की भागदौड़ और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक है टाइप-2 डायबिटीज, जिसे अक्सर लोग सिर्फ ब्लड शुगर की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। यह आक्रामक स्तन कैंसर ट्यूमर को बढ़ावा दे सकती है।
AggressiveBreast Cancer: आज की भागदौड़ और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ने कई बीमारियों को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक है टाइप-2 डायबिटीज, जिसे अक्सर लोग सिर्फ ब्लड शुगर की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन रिसर्च में यह बात सामने आई है कि यह बीमारी केवल ब्लड शुगर तक सीमित नहीं है, बल्कि हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर का गंभीर समस्या। ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर रोग है, जिसकी कई अलग-अलग किस्में होती हैं। बात यह है कि डायबिटीज, ब्रेस्ट कैंसर जैसे गंभीर रोग को और ज्यादा आक्रामक बना सकती है। आइए जानते हैं रिसर्च में क्या हुआ चौंकाने वाला खुलासा।
अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी के चोबानियन एंड अवेडिसियन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने पाया कि टाइप-2 डायबिटीज शरीर की इम्यून प्रणाली में बदलाव लाती है। यह बदलाव कैंसर ट्यूमर के भीतर मौजूद इम्यून कोशिकाओं को कमजोर कर देता है। नतीजा यह होता है कि शरीर ट्यूमर की ग्रोथ को रोक नहीं पाता और ब्रेस्ट कैंसर तेजी से फैलने लगता है।
स्टडी के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों के खून में मौजूद छोटे-छोटे कण जिन्हें एक्सोसोम्स (Exosomes) कहा जाता है, वे ट्यूमर के अंदर इम्यून कोशिकाओं को इस तरह “री-ट्रेन” कर देते हैं कि वे अपनी असली क्षमता खो बैठते हैं। यह खोज इसलिए भी अहम है क्योंकि यह पहली बार साबित हुआ है कि डायबिटीज से बदले हुए एक्सोसोम्स सीधे तौर पर मानव ब्रेस्ट ट्यूमर के भीतर इम्यून एक्टिविटी को दबा सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने ब्रेस्ट कैंसर मरीजों के ट्यूमर से सैंपल लेकर लैब में 3D ट्यूमर मॉडल्स तैयार किए। इसके बाद उन्होंने सिंगल-सेल RNA सीक्वेंसिंग तकनीक का इस्तेमाल किया ताकि यह समझा जा सके कि ट्यूमर के भीतर इम्यून कोशिकाएं वास्तव में कैसे बर्ताव करती हैं।
“ब्रेस्ट कैंसर पहले ही जटिल बीमारी है और जिन मरीजों को साथ में टाइप-2 डायबिटीज भी होती है, उनके इलाज के परिणाम और भी खराब दिखाई देते हैं। इसका कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं था। लेकिन हमारी स्टडी ने दिखाया कि डायबिटीज सीधे तौर पर इम्यून सिस्टम को ट्यूमर के भीतर बदल देती है। यही वजह हो सकती है कि इम्यूनोथेरेपी जैसी आधुनिक थेरेपीज इन मरीजों पर उतनी कारगर नहीं होतीं।”
ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार के होते हैं कुछ धीरे-धीरे बढ़ते हैं, जैसे DCIS, LCIS और फिलॉइड्स ट्यूमर, जबकि कुछ बेहद आक्रामक होते हैं, जैसे ट्रिपल-नेगेटिव, इंफ्लेमेटरी और एंजियोसारकोमा। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में आक्रामक प्रकारों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, टाइप-2 डायबिटीज तब होती है जब अग्न्याशय (Pancreas) पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या शरीर उस इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता। इंसुलिन वह हार्मोन है जो ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करता है।
जब यह संतुलन बिगड़ता है तो ब्लड शुगर का स्तर लगातार बढ़ा रहता है और धीरे-धीरे दिल, किडनी, नसों और आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।
इसलिए डायबिटीज को केवल “शुगर की बीमारी” समझकर टालना खतरनाक हो सकता है। यह शरीर की इम्यून सिस्टम को इस हद तक बदल देती है कि कैंसर जैसी बीमारी और ज्यादा शक्तिशाली हो जाती है।