Walk For Healthy Liver: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लिवर को हेल्दी रखना किसी चैलेंज से कम नहीं है।जंक फूड, अनियमित दिनचर्या और कम फिजिकल एक्टिविटी ये सारी चीजें लिवर पर दबाव डालती हैं, जिससे लिवर से जुड़ी समस्याएं होती हैं। आइए जानते हैं लिवर को हेल्दी रखने के सही तरीके।
Walk For Healthy Liver: आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, अधिकतर लोगों में लिवर से जुड़ी समस्याएं काफी देखने को मिल रही हैं, क्योंकि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लिवर को हेल्दी रखना किसी चैलेंज से कम नहीं है।जंक फूड, अनियमित दिनचर्या और कम फिजिकल एक्टिविटी ये सारी चीजें लिवर पर दबाव डालती हैं, जिससे लिवर से जुड़ी समस्याएं होती हैं, जैसे फैटी लिवर।
अच्छी बात यह है कि यदि आप अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव करें, तो लिवर को काफी हद तक बेहतर बनाया जा सकता है।इन्हीं में से एक आसान और असरदार तरीका है ब्रिस्क वॉकिंग। यह एक प्रभावी तरीका है लिवर की सेहत को तंदरुस्त बनाए रखने का। आइए, जुड़ते हैं ब्रिस्क वॉक के फायदों और इसे करने के सही तरीके के बारे में।
ब्रिस्क वॉकिंग एक एरोबिक एक्सरसाइज है, जिसमें आप न दौड़ते हैं और न ही धीमे चलते हैं, बल्कि तेज और स्थिर गति से कदम बढ़ाते हैं। आमतौर पर यह 5-6 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पर की जाती है। यह न केवल कैलोरी बर्न करने में मदद करती है, बल्कि हार्ट हेल्थ को सपोर्ट करती है और मेटाबॉलिज्म को भी एक्टिव रखती है।फैटी लिवर के मामले में, ब्रिस्क वॉकिंग से शरीर में जमा अतिरिक्त फैट कम होता है, जिससे लिवर पर पड़ने वाला दबाव घटता है।
नियमित तेज चाल से चलने पर शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी बेहतर होती है, वजन नियंत्रित रहता है और लिवर में जमा अतिरिक्त फैट घटता है। इसके अलावा, यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है और ऊर्जा के स्तर को भी बढ़ाता है।
वॉक के लिए हल्के, आरामदायक और सपोर्टिव जूते पहनें। इससे पैरों और टखनों पर अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा और चोट का खतरा भी कम होगा।
चलने की गति इतनी होनी चाहिए कि आपकी हार्ट रेट बढ़े और हल्का पसीना आने लगे। यह आपके कैलोरी बर्न और लिवर की फैट मेटाबॉलिज्म प्रोसेस को तेज करेगा।
कई बार ग्रुप में चलने से आपकी स्पीड प्रभावित हो सकती है। अकेले वॉक करने से आप अपने शरीर की जरूरत और रफ्तार पर ज्यादा ध्यान दे पाते हैं।
शुरुआत में 10-15 मिनट से शुरू करें और फिर धीरे-धीरे इसे 30-45 मिनट तक ले जाएं। एकदम से ज्यादा मेहनत करने की बजाय धीरे-धीरे स्टैमिना बढ़ाना बेहतर है।
सिर सीधा, कंधे रिलैक्स और कोर मसल्स टाइट रखें। हाथों को स्वाभाविक तरीके से हिलाते हुए चलना ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
वॉक के दौरान फोन पर लंबी बातें या सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से बचें। कोशिश करें कि यह समय सिर्फ खुद के लिए और अपने स्वास्थ्य के लिए हो।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।