Gym health checkup after 40 : 40 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को जिम शुरू करने से पहले ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की जांच करवानी चाहिए। कुछ मामलों में ईसीजी और स्ट्रेस टेस्ट भी जरूरी हो सकते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी
Medical Checkup After 40 : 40 साल से ज्यादा उम्र के जो लोग जिम में वर्कआउट शुरू करना चाहते हैं, उन्हें ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसे हेल्थ चेक-अप करवाने की सलाह दी जाती है। कुछ मामलों में ईसीजी और ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट भी बताए जाते हैं। सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी ने कहा, इन जांचों की सलाह खास तौर पर उन लोगों को देते हैं जिनके परिवार में हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का इतिहास रहा हो, धूम्रपान, शराब पीने, मोटापा और खराब खान-पान जैसी Unhealthy आदतें रही हों, या सीने में दर्द, असामान्य थकान या सांस फूलने जैसे लक्षण हों।
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी कहते हैं कि जिम में वर्कआउट शुरू करने से पहले हेल्थ चेकअप कराना जरूरी है। इसका मकसद आपको रोकना नहीं बल्कि सुरक्षित रखना होता है। वे बताते हैं कि हर महीने करीब 10-15 लोग उनसे पूछते हैं कि जिम जाना सही है या नहीं, क्योंकि सोशल मीडिया पर उन्हें ऐसे वीडियो दिख जाते हैं जहाँ लोग एक्सरसाइज करते वक्त हार्ट प्रॉब्लम से गिर जाते हैं।
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी कहा , हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज की जांच के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं। यदि आपके परिवार में हार्ट डिजीज या स्ट्रोक का इतिहास रहा है, या यदि आप धूम्रपान करते हैं तो अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपको ईसीजी या ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट की आवश्यकता है।
क्या करें
- हल्के व्यायाम से शुरुआत करें और धीरे-धीरे तीव्रता बढ़ाए।
- एक अच्छे प्रशिक्षक के साथ काम करें जो आपकी स्वास्थ्य स्थिति को समझता हो।
- संतुलित आहार लें और खूब पानी पिएं।
क्या न करें
- यदि आपको सीने में दर्द, अत्यधिक सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, या बिना किसी कारण के थकान महसूस हो तो व्यायाम न करें
- अधिक परिश्रम करने से बचें क्योंकि इससे चोट और बर्नआउट हो सकता है
- विशेषज्ञ की सलाह के बिना सप्लीमेंट्स पर निर्भर न रहें
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी ने बताया कि ये घटनाएं अक्सर छिपी हुई स्थितियों से जुड़ी होती हैं। उन्होंने आगे कहा, इनका जल्दी पता लगने से हमें सुरक्षित रूप से इनका इलाज करने में मदद मिलती है।
उन्होंने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल अक्सर सालों तक नजरअंदाज रह जाते हैं, जिससे इन्हें साइलेंट किलर कहा जाता है। ऐसे मामलों में जोरदार कसरत से अनियमित दिल की धड़कन, सीने में दर्द या यहां तक कि कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
डॉ. हेमंत चतुर्वेदी ने कहा, इसलिए व्यायाम शुरू करने से पहले सभी को ब्लड प्रेशर , कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच करवानी चाहिए। परिणामों के आधार पर, ईसीजी या ट्रेडमिल स्ट्रेस टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।
40 साल की उम्र के बाद हर किसी को महंगे और बड़े-बड़े टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होती। ज्यादातर लोगों के लिए ब्लड प्रेशर चेक करना और एक साधारण ब्लड टेस्ट ही काफी होता है। लेकिन अगर आपके परिवार में हार्ट या ब्लड प्रेशर की दिक्कत रही है, या आपके खुद के कुछ रिस्क फैक्टर हैं, तो फिर ईसीजी जैसे थोड़े और टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।
विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि महिलाओं में, खासकर रजोनिवृत्ति के बाद, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा अधिक होता है, इसलिए नियमित जांच भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
आजकल जिम में सबसे बड़ी दिक्कत है कि कई जगह अप्रशिक्षित ट्रेनर होते हैं, जिन्हें सही ट्रेनिंग की जानकारी नहीं होती। ऐसे में वे कई बार लोगों की सेहत से जुड़े बड़े खतरे नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए विशेषज्ञ कहते हैं कि जिम में सिर्फ सर्टिफाइड ट्रेनर ही हों, जिम के नियम कड़े हों और वहां के स्टाफ को सीपीआर और डिफिब्रिलेटर जैसी इमरजेंसी तकनीक की ट्रेनिंग होनी चाहिए।
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. हेमंत चतुर्वेदी का कहना है कि दिल की सुरक्षा के लिए एक्सरसाइज अभी भी सबसे अच्छा तरीका है। अगर जांच-पड़ताल सही ढंग से की जाए तो जिम जाना जोखिम नहीं, बल्कि बीमारियों से बचाव का बेहतरीन तरीका बन जाता है।