Ants Diseases: भारतीय परंपरा में चिटियों को शुभ और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, लेकिन वैज्ञानिक शोध में सामने आया है कि ये खतरनाक बैक्टीरिया और बीमारियों का कारण भी बन सकती हैं। जानें कैसे और क्या है बचाव।
Ants Diseases: भारतीय समाज में चिटियों को शुभ माना जाता है। घर में काली चिटी दिखना लक्ष्मी का आना समझा जाता है, वहीं लाल चिटियां मंगल और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में तो मान्यता है कि चिटियों को गुड़ या आटा खिलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। बच्चों को भी सिखाया जाता है कि चिटियों को मारना पाप है क्योंकि ये मेहनती और सामूहिक जीवन का प्रतीक हैं।
हाल ही में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के शोध में पाया गया कि ये चिटियां सिर्फ मेहनती जीव ही नहीं बल्कि खतरनाक बैक्टीरिया और रोगाणुओं की वाहक भी हैं। वैज्ञानिकों ने पाया कि रसोईघर में पाई जाने वाली चिटियों के शरीर और पैरों पर कई तरह के बैक्टीरिया चिपके रहते हैं। ये बैक्टीरिया गंदगी, कूड़े या सीवर से होकर आते हैं और फिर हमारे बर्तनों, खाने-पीने की चीजों और किचन की सतह पर पहुंच जाते हैं।
शोध के दौरान यह साफ हुआ कि चिटियों के जरिए कई खतरनाक बैक्टीरिया घर तक पहुंच सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
इनके अलावा भी कई अन्य रोगाणु चिटियों के जरिए रसोई तक पहुंच सकते हैं।
मॉरीशस में किए गए अध्ययन में घरों की रसोई से चिटियां इकट्ठी की गईं। नतीजा यह निकला कि अधिकतर चिटियां टेक्नोमिरमेक्स डिफिसिलिस (Technomyrmex difficilis) और सोलेनोप्सिस जेमिनाटा (Solenopsis geminata) प्रजाति की थीं, और इनके शरीर से खतरनाक बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई। इतना ही नहीं, प्रयोग में यह भी साबित हुआ कि चिटियां एक जगह से दूसरी जगह रोगाणु ले जाकर खाने की चीजों को संक्रमित कर सकती हैं।