स्वास्थ्य

Cough Syrup for Kids : कौन-सी खांसी की दवा बच्चों और बड़ों के लिए सुरक्षित है? डॉक्टर से जाने उम्र के हिसाब से खांसी की दवा

Safe cough medicine for adults : खांसी हर उम्र में आम है लेकिन क्या हर किसी के लिए एक जैसी दवा सही होती है? सीनियर फिजिशियन डॉ. टी.पी. शर्मा बता रहे हैं कि बच्चों, किशोरों, वयस्कों और बुज़ुर्गों के लिए कौन-सी खांसी की दवा सुरक्षित है और किन दवाओं से बचना चाहिए।

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Oct 05, 2025
Doctor explains: Which cough syrup is safe for your child and you (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Cough Syrup for Kids : खांसी सभी आयु वर्गों में सबसे आम शिकायतों में से एक है, फिर भी इसके प्रबंधन को अक्सर गलत समझा जाता है। हालांकि ओवर-द-काउंटर (ओटीसी) कफ सिरप व्यापक रूप से उपलब्ध हैं, लेकिन उनका अंधाधुंध उपयोग, खासकर बच्चों में अप्रभावी और कभी-कभी हानिकारक हो सकता है।

अधिकांश खांसी, खासकर वायरल संक्रमण के कारण होने वाली खांसी, 1-2 सप्ताह के भीतर अपने आप ठीक हो जाती है। मुख्य बात यह है कि खांसी के प्रकार की पहचान की जाए, कारण का पता लगाया जाए और सबसे सरल, सुरक्षित उपचार का उपयोग किया जाए।

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हमने सीनियर फिजिशियन डॉ. टी पी शर्मा से बात की ताकि विभिन्न आयु वर्गों के लोगों में खांसी की दवाओं के सुरक्षित उपयोग और माता-पिता और वयस्क बिना अनावश्यक दवाओं के खांसी का प्रबंधन कैसे कर सकते हैं, इस पर विशेषज्ञ जानकारी प्राप्त की जा सके।

खांसी को संभालने के जरूरी नियम

कारण का इलाज करें: वायरल सर्दी, एलर्जी, अस्थमा या एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को छिपाने के बजाय सीधे उनका इलाज किया जाना चाहिए।

खांसी के प्रकार के अनुसार दवा का चयन करें: सूखी/जलन वाली खांसी में कफ निरोधक दवाओं से आराम मिलता है, जबकि गीली/उत्पादक खांसी में कफ निस्सारक दवाओं से लाभ होता है।

जब तक विशेष रूप से निर्धारित न किया गया हो, बहु-घटक "ऑल-इन-वन" सिरप से बचें।

बच्चों में कभी भी कोडीन या ओपिओइड सिरप का प्रयोग न करें; वयस्कों को इनका प्रयोग केवल निर्धारित होने पर ही करना चाहिए।

गैर-दवा उपायों को प्राथमिकता दें, खासकर बच्चों में।

हर उम्र के लिए सही खांसी की दवा: डॉक्टर की सलाह और जरूरी सावधानियां | Age wise cough syrup guide

खांसी — एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या, जो मौसम बदलने, एलर्जी, वायरल इंफेक्शन या प्रदूषण से किसी को भी हो सकती है। पर क्या हर उम्र में एक जैसी खांसी की दवा दी जा सकती है? डॉक्टरों का कहना है कि नहीं उम्र के हिसाब से खांसी की दवा चुनना बेहद जरूरी है, वरना फायदा तो दूर, नुकसान जरूर हो सकता है।

शिशु (0-6 महीने): सिर्फ घरेलू उपाय, कोई दवा नहीं

छोटे बच्चों में खांसी होने पर बाजार से सिरप लाकर देना खतरनाक हो सकता है। इस उम्र में दवाइयों से ज़्यादा असरदार हैं –

  • नाक में सलाइन (नमक वाला पानी) की बूंदें
  • हल्का सक्शन (नाक साफ़ करना)
  • कमरे में ह्यूमिडिफायर का प्रयोग
  • बच्चे को सीधी स्थिति में बैठाना
  • बार-बार दूध पिलाना

अगर बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो, दूध न पी रहा हो या बुखार हो, तो तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

6-12 महीने: कफ सिरप और शहद से परहेज करें

इस उम्र के बच्चों को अभी भी कोई सिरप न दें। हल्की खांसी के लिए सलाइन की बूंदें, ह्यूमिडिफायर और पर्याप्त तरल पदार्थ ही काफी हैं। अगर तेज बुखार, घरघराहट या बच्चे की एक्टिविटी कम लगे, तो डॉक्टर को दिखाएं।

  • 1-2 साल: शहद और भाप से मिलेगी राहत
  • डॉक्टरों के अनुसार, इस उम्र में शहद (1 साल से ऊपर के बच्चों के लिए) सुरक्षित है।
  • 2.5 मिलीलीटर शहद दिन में 1-2 बार दिया जा सकता है।
  • साथ ही, गर्म पानी या सूप जैसे तरल पदार्थ और सलाइन बूंदें फायदेमंद हैं।

अगर बच्चा रात में सो नहीं पा रहा, या खांसी लंबे समय तक बनी रहे, तो जांच जरूरी है।

2-4 साल: दवा तभी जब डॉक्टर कहें

इस उम्र में भी एंटीट्यूसिव या डिकंजेस्टेंट (जैसे कफ दबाने वाली दवाएं) बिना डॉक्टर की सलाह नहीं लेनी चाहिए।

  • सूखी खांसी में: डेक्सट्रोमेथोर्फन
  • गीली खांसी में: गुआइफेनेसिन
  • और सबसे अहम—कोडीन या नींद लाने वाली दवाओं से पूरी तरह बचें।

4-12 वर्ष: एकल घटक (single ingredient) दवाएं ही सुरक्षित

इस आयु वर्ग के बच्चों में खांसी अक्सर वायरल होती है, इसलिए घरेलू उपाय पहले करें।

  • सूखी खांसी: डेक्सट्रोमेथोर्फन
  • गीली खांसी: गुआइफेनेसिन
  • एलर्जी वाली खांसी: सेटिरिज़िन या लेवोसेटिरिज़िन
  • एक साथ कई घटक वाले सिरप या कॉम्बो दवाएं बच्चों के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।

किशोर (12-18 वर्ष): वयस्कों जैसा उपचार, पर सावधानी जरूरी

इस उम्र में दवाइयां लगभग वयस्क जैसी दी जा सकती हैं, लेकिन कोडीन और फोल्कोडाइन जैसे घटकों से बचना जरूरी है।

  • सूखी खांसी: डेक्सट्रोमेथोर्फन
  • गीली खांसी: गुआइफेनेसिन, एम्ब्रोक्सोल या ब्रोमहेक्सिन
  • एलर्जी वाली खांसी: नॉन-सिडेटिव एंटीहिस्टामिन
  • साथ ही, युवाओं को दवा के दुरुपयोग (खासकर डेक्सट्रोमेथोर्फन) से बचने की शिक्षा देना ज़रूरी है।

वयस्क: खांसी के प्रकार के अनुसार सिरप चुनें

  • सूखी या जलन वाली खांसी: रात में डेक्सट्रोमेथोर्फन या डॉक्टर की सलाह से लेवोड्रोप्रोपिज़िन।
  • गीली खांसी: गुआइफेनेसिन, एम्ब्रोक्सोल या ब्रोमहेक्सिन बलगम को पतला करने में मदद करते हैं।
  • एलर्जी या नाक बहने से खांसी: नॉन-सिडेटिव एंटीहिस्टामिन और ज़रूरत पड़ने पर नाक के स्टेरॉयड स्प्रे।
  • एसिड रिफ्लक्स से खांसी: देर रात खाना न खाएं, सिर ऊंचा रखें, और तले-मसालेदार खाने से परहेज करें।

बुज़ुर्ग और गर्भवती महिलाएं: बेहद सावधानी जरूरी

  • बुज़ुर्गों में नींद लाने वाली दवाओं से गिरने का खतरा रहता है, इसलिए हल्की और नॉन-सिडेटिव दवाएं ही लें।
  • गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को केवल डॉक्टर की सलाह पर ही सिरप लेना चाहिए।
  • शहद, सलाइन और गर्म तरल पदार्थ सबसे सुरक्षित विकल्प हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।

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