स्वास्थ्य

घाव धोने से खत्म हो जाता है Rabies का खतरा? जानिए WHO की गाइडलाइन

WHO Guidelines On Rabies: दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में बढ़ती आवारा कुत्तों की संख्या ने आम लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार और स्थानीय निकायों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सड़कों से कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखा जाए।

2 min read
Aug 22, 2025
Does Washing Wound Reduce Rabies Risk?

WHO Guidelines On Rabies: देशभर में कुत्तों के काटने की घटनाओं की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। दिल्ली-एनसीआर जैसे बड़े शहरों में बढ़ती आवारा कुत्तों की संख्या ने आम लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार और स्थानीय निकायों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सड़कों से कुत्तों को हटाकर शेल्टर होम में रखा जाए। हालांकि इस फैसले का विरोध भी हुआ और इसी बहस के बीच एक बयान चर्चा में आया कि रेबीज इतना नाजुक वायरस है जिसे सिर्फ साबुन और पानी से धोने से ही खत्म किया जा सकता है।ऐसे में आम लोगों के मन में बड़ा सवाल उठता है क्या वाकई घाव को धोना ही रेबीज से बचाव का पूरा उपाय है या इसके बाद भी इलाज जरूरी है?

ये भी पढ़ें

World Mosquito Day 2025: मच्छरों से बचें, बीमारियों से दूर रहें, जानें डेंगू और मलेरिया से बचाव की जरूरी सावधानियां

क्या सिर्फ घाव धोना ही काफी है?

अगर किसी इंसान को कुत्ता, बिल्ली या कोई और जानवर काट ले, तो सबसे पहला और जरूरी कदम है उस घाव को तुरंत साफ करना। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, घाव को कम से कम 10 से 15 मिनट तक बहते पानी और साबुन से धोना चाहिए। यह प्रक्रिया घाव में मौजूद धूल, बैक्टीरिया और वायरस की संख्या को काफी हद तक कम कर देती है।

लेकिन यह केवल फर्स्ट एड (प्रारंभिक देखभाल) है, इससे रेबीज से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती। घाव धोने के बाद भी डॉक्टर को दिखाना और रेबीज वैक्सीन लगवाना बेहद जरूरी है। कई मामलों में अगर जानवर संदिग्ध हो तो इंजेक्शन के साथ-साथ इम्युनोग्लोब्युलिन (Rabies Immunoglobulin) भी लगाई जाती है।

क्यों इतना खतरनाक है रेबीज?

रेबीज एक घातक वायरस है जो संक्रमित जानवर के काटने से इंसान के शरीर में फैलता है और धीरे-धीरे दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। एक बार इसके लक्षण दिखाई देने के बाद इलाज लगभग नामुमकिन हो जाता है और मौत की संभावना 100 प्रतिशत तक पहुंच जाती है।

WHO के आंकड़े बताते हैं कि दुनिया में हर साल हजारों लोग रेबीज की वजह से जान गंवाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा मामले भारत से सामने आते हैं। अनुमान है कि भारत में हर साल करीब 18,000 से 20,000 मौतें रेबीज के कारण होती हैं। सबसे ज्यादा खतरा छोटे बच्चों, ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों और जानवरों के संपर्क में रहने वालों को होता है।

WHO की गाइडलाइन कुत्ता काटे तो क्या करें?

  • घाव धोएं – कम से कम 10–15 मिनट तक बहते पानी और साबुन से।
  •  एंटीसेप्टिक लगाएं – जैसे डेटॉल, सेवलोन या आयोडीन वाला कोई भी एंटीसेप्टिक।
  •  वैक्सीन जरूरी है – तुरंत नजदीकी अस्पताल जाकर डॉक्टर की सलाह पर रेबीज वैक्सीन लगवाएं।
  • देरी न करें – काटने के बाद जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतना ही सुरक्षित रहेंगे।

ये भी पढ़ें

Chikungunya Virus in China : मच्छरों के खिलाफ चीन ने उतारे सैनिक, ड्रोन, मछलियां, जानिए छोटे से जीव से सेहत को है कितना बड़ा खतरा

Also Read
View All

अगली खबर