Aortic Disease : 27 साल के एक युवक का दिल 40 मिनट तक बिल्कुल धड़कना बंद रहा, शरीर में खून का बहाव थम गया फिर भी वह जिंदा बच निकला। लेकिन डॉक्टरों ने अपनी सूझ-बूझ और विशेषज्ञता से उसकी जान बचा ली। आइए जानिए कैसे संभव हुआ यह मेडिकल करिश्मा।
Aortic Symptoms: यह वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं था 27 साल के एक युवक का दिल 40 मिनट तक बिल्कुल धड़कना बंद रहा, शरीर में खून का बहाव रुक गया और फिर भी वह जिंदा बच निकला। डॉक्टरों ने अपनी सूझ-बूझ और आधुनिक तकनीक की मदद से न केवल उसकी जान बचाई बल्कि उसे सामान्य जीवन जीने का मौका भी दिया। आइए जानते हैं आखिर कैसे संभव हुआ यह मेडिकल करिश्मा और Aortic के कारणों और बचाव से जुड़ी जानकारी।
प्रयागराज निवासी आलोक की मुख्य धमनी (एऑर्टा) में करीब 8 सेंटीमीटर लंबा फटाव हो गया था। यह फटाव दिल के पास से शुरू होकर पेट तक फैला हुआ था, जबकि सामान्य एऑर्टा का व्यास महज़ 2.5 से 3 सेंटीमीटर होता है। जरा सी लापरवाही उसकी तुरंत मौत का कारण बन सकती थी।
इस अनोखी सर्जरी को फ्रोजन एलीफेंट ट्रंक (FET) प्रक्रिया कहा जाता है। इसमें एऑर्टा के खराब हिस्से को निकालकर नया ग्राफ्ट लगाया जाता है और दिमाग तक जाने वाली धमनियों को फिर से जोड़ा जाता है। खास आकृति वाले स्टेंटेड ट्यूब को लगाने के बाद खून का बहाव दोबारा सामान्य हो जाता है।
आलोक महीनों तक सीने में दर्द और सांस फूलने जैसी तकलीफ को हल्का समझकर अनदेखा करते रहे। लेकिन जब तकलीफ बढ़ी तो परिजनों ने उन्हें लखनऊ के मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जांच में सामने आया कि यह मामला मार्फन सिंड्रोम से जुड़ा हो सकता है एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी जो शरीर की नसों और धमनियों को कमजोर कर देती है।
गले में खराश (स्ट्रेप थ्रोट) का सही इलाज न किया जाए तो यह रूमेटिक बुखार में बदल सकता है, जो हृदय के वाल्व को नुकसान पहुंचा सकता है। आमतौर पर स्ट्रेप थ्रोट का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से आसानी से किया जा सकता है। रूमेटिक बुखार खासकर बच्चों और युवाओं में अधिक होता है।
हृदय रोग के जोखिम कारकों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें और जानें कि उन्हें कैसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। उच्च रक्तचाप, मोटापा और उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसे कारक महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस से जुड़े हो सकते हैं।
मसूड़ों की सूजन (जिंजिवाइटिस) और हृदय संक्रमण (एंडोकार्डिटिस) के बीच संबंध होता है। एंडोकार्डिटिस महाधमनी वाल्व स्टेनोसिस का एक जोखिम कारक हो सकता है, इसलिए दांतों और मसूड़ों की सफाई और देखभाल जरूरी है।