Ear Care Tips : कान में खुजली बार-बार हो रही है? जानिए इसके कारण, घरेलू उपाय और क्या कान में तेल डालना सही है या नुकसानदायक, ईएनटी विशेषज्ञों की राय के साथ।
Ear Care Tips : कान में कभी-कभी हल्की खुजली होना आम बात है, लेकिन अगर यह बार-बार हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत भी हो सकता है। बहुत से लोग ऐसे में राहत पाने के लिए कान में तेल डालते हैं, लेकिन क्या यह तरीका सही है? आइए जानते हैं डॉक्टर की राय और कान की खुजली के असली कारण।
कान में खुजली कई वजहों से हो सकती है।
सूखापन (Dryness): कान के अंदर नैचुरल वैक्स (मैल) की कमी होने से त्वचा सूख जाती है, जिससे खुजली होती है।
एलर्जी (Allergy): इयरफोन, इयररिंग या हेयर प्रोडक्ट से एलर्जिक रिएक्शन भी खुजली का कारण बन सकते हैं।
इन्फेक्शन (Infection): फंगल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण कान में जलन, दर्द और खुजली हो सकती है।
अत्यधिक सफाई: बार-बार ईयरबड या तीली से कान साफ करने से त्वचा में चोट लगती है और खुजली शुरू हो जाती है।
त्वचा रोग: कुछ लोगों में एक्ज़िमा या सोरायसिस जैसी स्किन कंडीशन कान के अंदर भी असर डालती है।
अक्सर दादी-नानी के नुस्खों में सरसों या नारियल तेल डालने की सलाह दी जाती है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार हर स्थिति में ऐसा करना सुरक्षित नहीं है। अगर कान में इन्फेक्शन या फंगस है, तो तेल डालने से समस्या और बढ़ सकती है। अगर कान में छेद (perforated eardrum) है, तो तेल डालना बेहद खतरनाक है। इससे सुनने की क्षमता पर असर पड़ सकता है। केवल सूखापन की वजह से हल्की खुजली हो तो डॉक्टर की सलाह से ear drops या मिनरल ऑयल का सीमित उपयोग किया जा सकता है।
ईएनटी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर खुजली बार-बार होती है या दर्द, मवाद या सुनने में कमी के साथ है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। कान के अंदर कुछ भी न डालें। न तीली, न बॉलपिन, न बड्स। अगर इन्फेक्शन है, तो डॉक्टर एंटीफंगल या एंटीबायोटिक ईयर ड्रॉप्स देंगे। कान सूखा रखें और ज्यादा न छेड़ें। घरेलू उपाय (यदि डॉक्टर अनुमति दें) हल्के नारियल तेल की एक-दो बूंदें (केवल सूखापन में)। गुनगुने पानी से कान के आसपास सफाई करें, अंदर नहीं। धूल, गंदगी और नमी से बचें।